Punjab News: अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक बार फिर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की रिहाई की अपील की है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर सुखबीर सिंह बादल ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि वे सिख कौम की भावनाओं पर विचार करें और भाई बलवंत सिंह राजोआना और अन्य सभी सिख बंदियों को उनकी लगभग तीन दशक लंबी कैद से रिहा करने के लिए उचित कदम उठाएं. 'बंदी खिखों की रिहाई की मांग सिख समुदाय की सामूहिक इच्छा है.
सुखबीर सिंह बादल ने आगे लिखा कि बठिंडा के लोकसभा सांसद हरसिमरत बादल ने इसे प्रतिबिंबित किया है. संसद में यह मुद्दा उन सिख बंदियों के मानवाधिकारों से भी जुड़ा है जो जेल की सजा पूरी होने के बाद भी जेल में बंद हैं.
गृहमंत्री अमित शाह के बयान से लगा झटका
आपको बता दें कि बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करवाने के मामले में गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया से झटका लगा था. दरअसल, राजोआणा की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करवाने के मामले तेजी उस समय आई जब राजोआणा ने भूख हड़ताल की घोषणा की थी. लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब और एसजीपीसी के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल भूख हड़ताल को टाल दिया गया था. उनकी तरफ से राजोआणा के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की बात कही गई थी. लेकिन लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय न्याय संहिता के तीनों विधेयक पर बोलते हुए जब जवाब दिया था अब इस कमेटी को राजोआणा के मामले में ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
अगस्त 2007 सुनाई गई थी फांसी की सजा
आपको बता दें कि अगस्त 2007 में सीबीआई की विशेष अदालत ने बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी की सजा सुनाई थी. फांसी की सजा का दिन भी तय हो गया था लेकिन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के हस्तक्षेप के बाद अभी फांसी पर रोक लगा दी गई थी. जिपर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से बलवंत सिंह राजोआणा की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई है जिसपर अभी कोई फैसला नहीं आया है.