Punjab News: भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के नियमों में बदलाव के बाद पंजाब की सियासत गरमा गई है. शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि सदस्यों के लिए नियुक्ति मानदंडों में बदलाव के चलते पंजाब में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.


सुखबीर सिंह बादल की ओर से इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. बादल ने कहा, "इस मामले का तथ्य यह है कि कानून, मिसालों और प्रचलित प्रथाओं के अनुसार, सतलुज ब्यास हेडवर्क का नियंत्रण विशेष रूप से एक रिपेरियन राज्य के रूप में पंजाब के पास है. लेकिन पहले, उन्होंने असंवैधानिक रूप से उसे नियंत्रण में ले लिया. अब वे पंजाब को बीबीएमबी से पूरी तरह बाहर कर रहे हैं."


सुखबीर सिंह बादल ने कहा, "यह हमारे खिलाफ अन्याय की पराकाष्ठा है. यह केंद्र में सरकारों द्वारा बार-बार संघीय सिद्धांत को अपमानित करने का एक और उदाहरण है. हम इसे अपने निपटान में पूरी ताकत से लड़ेंगे."


सुखबीर बादल ने उठाए सवाल


अकाली दल के अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों सहित हर पंजाबी से अपील की कि वे राज्य को न्याय दिलाने की लड़ाई में साथ दें. उन्होंने कहा कि यह फैसला आम तौर पर पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक भेदभाव की लंबी और दर्दनाक सिलसिले की एक और कड़ी है.


सुखबीर ने कहा कि ''पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की धारा 78 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर पंजाब और अकाली के रुख से कोई समझौता नहीं है. केंद्र को नदी के पानी के मुद्दों पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है."


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