Punjab News: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल में उठी बगावत के बीच शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को संगठन के अहम फैसले लेने वाली अपनी कोर कमेटी को भंग कर दिया. वहीं गुरप्रताप वडाला ने इस फैसले को तानाशाही बताया है. कोर कमेटी के कुछ सदस्यों समेत कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने पिछले महीने मांग की थी कि पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद बादल पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दें. 


बगावत का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं में पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व एसजीपीसी प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला और पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा और सुरजीत सिंह रखड़ा शामिल थे. चंदूमाजरा, मलूका, वडाला और रखड़ा कोर कमेटी के सदस्यों में शामिल थे. शिअद के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने मंगलवार को कहा कि शिअद की कोर कमेटी भंग कर दी गई है.


उन्होंने कहा कि पार्टी की कार्यसमिति ने बादल को पार्टी संगठन को पुनर्गठित करने के लिए अधिकृत किया है. चीमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, इसे जल्द ही पुनर्गठित किया जाएगा. बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी, वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदर, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, परमजीत सिंह सरना, इकबाल सिंह झूंडा और हरचरण बैंस मौजूद थे. शिरोमणि अकाली दल ने नवंबर 2022 में कोर कमेटी का पुनर्गठन किया था. 


बगावत करने वाले अकाली नेताओं ने 15 जुलाई को 103 साल पुराने संगठन को मजबूत करने और उसके उत्थान के लिए 'शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर' नामक एक प्लेटफॉर्म शुरू किया. एक जुलाई को, बगावत करने वाले शिअद नेता अकाल तख्त जत्थेदार के सामने पेश हुए और उन गलतियों के लिए माफी मांगी जो राज्य में उनकी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान की गई थीं.


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