Punjab News: शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने के अपनी सरकार के फैसले के लिए आईएएस अधिकारियों को ‘‘बलि का बकरा’’ बनाकर ‘‘कायर’’ की तरह काम किया है. उन्होंने कहा कि पंचायतों को भंग करने की प्रक्रिया मान ने ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के माध्यम से शुरू की थी, इसलिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.


IAS अधिकारियों पर निलंबन पर उठाए सवाल
अकाली मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब सरकार ने 31 अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि वह राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने वाली 10 अगस्त की अधिसूचना को वापस ले रही है. कुछ घंटों बाद, सरकार ने पंचायतों को भंग करने पर ‘‘तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण’’ निर्णय लेने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों - ग्रामीण विकास और पंचायत प्रधान सचिव धीरेंद्र कुमार तिवारी तथा ग्रामीण विकास और पंचायत निदेशक गुरप्रीत सिंह खैरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. 


मान कायरों की तरह काम कर रहे- बादल
इस मुद्दे पर पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए बादल ने कहा कि मान ‘‘कायरों की तरह काम कर रहे हैं और मामले में आईएएस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाकर छिपने की कोशिश कर रहे हैं. सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि चुनावों के बाद पंचायतों को भंग करने की पूरी प्रक्रिया, संबंधित मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के माध्यम से भगवंत मान द्वारा शुरू, संचालित और हस्ताक्षरित की गई थी. शिअद नेता ने कहा IAS अधिकारियों ने संबंधित फाइल को केवल मुख्यमंत्री के अवलोकन और आवश्यक आदेशों के लिए प्रस्तुत किया था. अधिकारियों ने फाइल पर ही यह विशेष तौर पर अंकित कर दिया था कि यह मुख्यमंत्री की इच्छानुसार भेजी जा रही है. 


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