Punjab News: पंजाब सरकार के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाया था. परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा था कि वो पंजाब ट्रांसपोर्ट स्कीम 2018 में संशोधन कर इसको पंजाब ट्रांसपोर्ट (संशोधन) स्कीम-2022 कर रहे है. इससे अब निजी बस ऑपरेटरों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा और चंडीगढ़ में ऐसी बसें प्रवेश नहीं कर पाएगी. भुल्लर ने बादल परिवार को निजी बसों का माफिया तक बता दिया था. परिवहन मंत्री के इस बयान के बाद अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है.
माफिया बताए जाने के बाद अब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का भी बयान सामने आया है. बादल ने कहा है कि वो इस बयान के लिए पंजाब सरकार के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को लीगल नोटिस भेजेंगे. बादल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट के काम को माफिया कहना गलत है. हम कोई गैर कानूनी काम नहीं करते है. उन्होंने कहा हमारी ट्रास्पोर्ट कंपनी 1947 से चल रही है. माफिया बोलकर ट्रांसपोर्ट के काम को बदनाम किया जा रहा है.
वहीं आपकों बता दें कि परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बादल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 2018 में कांग्रेस सरकार ने पंजाब ट्रासपोर्ट स्कीम में राज्य की हिस्सेदारी घटाकर बड़े बस आपरेटरों को फायदा पहुंचाया था, जिसका सीधा लाभ बादल परिवार को मिला था. चंडीगढ़ में बादल परिवार की बसों की वजह से सरकारी खजाने को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंच रहा है. बादल परिवार अपने निजी हितों के लिए सरकारी खजाने पर निरंतर सेंध लगाता रहा है. यहीं नहीं अपने साथियों को भी कारोबार में फायदा पहुंचाने के लिए योजना बनाता रहा है. भुल्लर ने कहा था कि अब बादल के परिवार के स्वामित्व वाली प्राइवेट बसें चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं कर सकेंगी. अंतरराज्यीय रूटों पर बादल परिवार और अन्य बड़े बस आपरेटरों की प्राइवेट बसों का एकाधिकार अब खत्म कर दिया गया है.
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