Sukhjinder Singh Randhawa: अजय माकन के इस्तीफे और राजस्थान कांग्रेस में मची खींचतान के बाद पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को पार्टी ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी बनाया है. वैसे तो पार्टी आलाकमान ने रंधावा को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है लेकिन एक टिस है जो रंधावा को रह-रह कर सताती है. वो है पंजाब का सीएम ना बनने की. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया तो सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सीएम पद के लिए काफी चर्चाओं में आया लेकिन वो सिर्फ चर्चाओं तक ही सीमित रह गया और चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बना दिया गया.
रंधावा की आक्रमक नेता वाली पहचान
शुरूआत से ही एक आक्रमक नेता के रूप में जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सरकार में मंत्री रहते हुए ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. कैप्टन सरकार में ही रंधावा कैबिनेट, जेल और कॉपरेशन मंत्री भी रह चुके है. उनके पिता संतोख सिंह भी दो बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजनीति विरासत में मिली है. वो एक ऐसे परिवार से आते है जिनकी तीन पीढियां कांग्रेस में ही रही है.
रंधावा ने ऐसे जताया सीएम ना बनने का अफसोस
वही अब जब रंधावा को राजस्थान प्रभारी बनाया गया है. उसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि पंजाब की तरह राजस्थान में भी सीएम पद की लड़ाई है गहलोत और पायलट में से कोई भी सीएम पद से कम में राजी नहीं है तो आप किस तरह इस लड़ाई को खत्म करेंगे.
इसपर रंधावा ने कहा राजस्थान में यह लड़ाई खत्म करने के लिए ही उन्हें लगाया गया है. मैं तो ट्रेडिशनल कांग्रेसी हूं. मेरे साथ भी ऐसा हुआ है कि पंजाब में मेरा नाम सीएम के लिए चला लेकिन मुझे डिप्टी सीएम बना दिया गया. लेकिन मैंने कभी अनुशासनहीनता नहीं की. जो पार्टी ने किया मैं वो मानता गया. सुखजिंदर सिंह रंधावा की इन्हीं सब बातों से लगता है कि उनके मन में एक ठेस है कि उन्हें पंजाब का सीएम नहीं बनाया गया.
सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम पंजाब में सीएम पद के लिए काफी चर्चाओं में रहा लेकिन वो सिर्फ चर्चाओं तक ही सीमित रह गया और चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बना दिया गया. जिसका मलाल उन्हें हमेशा रहा है.