Chandigarh News: कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने सोमवार को कहा कि वह उनका चरित्र हनन किए जाने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ मानहानि दायर करेंगे. रंधावा ने मान द्वारा उन पर गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के लिए जेल में सुविधाएं मुहैया कराने का आरोप लगाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना की है.


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लगाया था आरोप
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने रविवार को कहा था कि उनकी सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान रूपनगर की जेल में मुख्तार अंसारी के 'आरामदायक प्रवास' पर खर्च हुए 55 लाख रुपये की वसूली पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से करेगी. मान ने कहा कि अगर अमरिंदर सिंह और रंधावा पैसे का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सुविधाएं रोक दी जाएंगी.


सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मान पर लगाया आरोप
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मुख्यमंत्री के 55 लाख रुपये खर्च के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अंसारी के मामले में वरिष्ठ वकील को फीस के तौर पर 17.60 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. उन्होंने मुख्यमंत्री को अंसारी मामले में उन्हें 'वसूली नोटिस' जारी करने की चुनौती भी दी. मान के आरोप के संबंध में रंधावा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को चरित्र हनन करने की आदत है.


सीएम मान के खिलाफ मानहानि दायर करेंगे रंधावा 
कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं मानहानि दायर करूंगा. मैं कभी भी अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा.' इस बीच, मुख्यमंत्री मान ने एक 'फाइल नोटिंग' ट्विटर पर साझा की, जिसके अनुसार अंसारी के बचाव में वकील पर किए गए खर्च की राशि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व जेल मंत्री रंधावा से बराबर-बराबर वसूली जाएगी.


मुख्तार अंसारी से जुड़ा है मामला
वहीं, रंधावा ने संवाददाताओं से कहा कि अंसारी मामले में जेल विभाग याचिकाकर्ता नहीं, बल्कि प्रतिवादी था. मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर की जेल में था. हालांकि, इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने इस पर भी गौर किया था कि चिकित्सीय मुद्दों की आड़ में मामूली आधार पर अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में देने से इनकार किया जा रहा था, लेकिन बाद में अंसारी को उत्तर प्रदेश के बांदा की जेल ले जाया गया था.