Punjab News: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के ताजा बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है. सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि 42 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद उन्हें सीएम नहीं बनाया गया. सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) को सीएम नहीं बनाने की असल वजह अब सामने आ रही है. कांग्रेस पार्टी पंजाब में किसी गैर सिख के चेहरे पर दांव नहीं लगाना चाहती थी.
सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद वह सीएम की रेस में सबसे आगे थे. जाखड़ ने कहा कि 42 विधायक उन्हें सीएम बनाना चाहते थे. जाखड़ ने अबोहर में मंगलवार को एक सभा को संबोधित किया था और इस सभा की ऑनलाइन सामने आई एक वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है. जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ पंजाब विधानसभा चुनाव में अबोहर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस की ओर से अंबिका सोनी को सीएम पद की पेशकश की गई थी. अंबिका सोनी के उस बयान के बाद जाखड़ के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम हो गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी, जो अनुसूचित जाति समुदाय से पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बने.
अमरिंदर सिंह को देना पड़ा था इस्तीफा
सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. सुनील जाखड़ ने दावा किया, ''सुनील को 42 वोट, सुखजिंदर रंधावा को 16, महारानी परनीत कौर को 12 वोट, नवजोत सिंह सिद्धू को छह वोट और चरणजीत सिंह चन्नी को दो वोट मिले थे.''
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था. हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से पंजाब विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील जाखड़ और चरणजीत सिंह चन्नी को चेहरा बनाकर लड़ा जा रहा है.
Punjab Election: कांग्रेस की आंतरिक कलह और बढ़ी, कांग्रेस उम्मीदवार ने मनप्रीत बादल को गद्दार कहा