Punjab Election: क्या चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के बाद कांग्रेस का साथ छोड़ेंगे सुनील जाखड़? खुद दिया है जवाब
Punjab Election: सुनील जाखड़ कांग्रेस पार्टी के नेताओं से नाराज हैं. इसी नाराजगी के चलते सुनील जाखड़ ने एक्टिव पॉलिटिक्स से दूरी बनाने का फैसला किया है.
Punjab Election 2022: पंजाब में नेताओं की आंतरिक कलह से परेशान कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने चौंकाने वाला एलान किया है. सुनील जाखड़ ने चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया है. सुनील जाखड़ ने हालांकि कहा है कि वह कांग्रेस (Congress) में बने रहेंगे.
सुनील जाखड़ ने राजनीति में बने रहने से जुड़े सवाल पर चुप्पी तोड़ी है. सुनील जाखड़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वर्चुअल रैली के सिलसिले में रविवार को लुधियाना में थे. जाखड़ ने कहा, ''मैं सक्रिय राजनीति से दूर हूं. यह मैं पिछले पांच दिनों से कह रहा हूं. लेकिन मैं कांग्रेस का हिस्सा बना हुआ हूं.''
हाल ही में सुनील जाखड़ ने दावा किया था कि बीते साल अमरिंदर सिंह के अचानक हटने के बाद पार्टी के 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. इस खुलासे के बाद आप ने कांग्रेस पर जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया था. बीजेपी ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि जाखड़ को उनके धर्म के कारण मुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया गया.
सीएम बनने की रेस में आगे थे सुनील जाखड़
अमरिंदर सिंह के हटने के बाद सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित सीएम बने. चरणजीत सिंह चन्नी सीएम का चेहरा बनने की रेस में भी सुनील जाखड़ को पछाड़ने में कामयाब रहे.
सुनील जाखड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे हैं. उनके भतीजे संदीप जाखड़ 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अबोहर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं.
1954 में अबोहर के पंजकोसी गांव में जन्मे सुनील जाखड़ 2002 से 2017 के बीच अबोहर से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. वह राज्य की पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.