Punjab Politics: पंजाब की झांकी के रिजेक्शन पर बढ़ता सियासी घमासान, सुनील जाखड़ का CM मान पर निशाना, जानें क्या कहा
Republic Day 2024: पंजाब की झांकी को रिपब्लिक डे की परेड में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिलने पर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है. AAP, बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की मामले पर प्रतिक्रिया आई है.
Punjab News: रिपब्लिक डे की परेड में पंजाब की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां पंजाब के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर बीजेपी शासित प्रदेशों को ज्यादा तरजीह देने और परेड का भगवाकरण करने का आरोप लगा चुके है. वहीं अब पंजाब बीजेपी के निशाने पर भी आ गए है. पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सीएम मान को घेरा है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मैंने जो कहा था, मैं उस पर कायम हूं. सीएम मान आपकी व्यवस्था में समस्या यह है कि झूठों को सब झूठे नज़र आते हैं.
सुनील जाखड़ ने आगे लिखा कि यहां एक अच्छा विकल्प है और यह भगवंत मान पर भी लागू होता है. मुझे एक अच्छा दोस्त बनाओ.
सुनील जाखड़ के बयान पर AAP प्रवक्ता की आई प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लगातार दूसरी साल पंजाब की झांकी को रिपब्लिक डे की परेड जगह नहीं दी गई. इसपर हमें उम्मीद थी कि पंजाब बीजेपी पंजाब के साथ खड़ी होगी लेकिन पंजाब बीजेपी के मुखिया सुनील जाखड़ ने साथ खड़े होने की बजाय मामले पर झूठ बोला है.कंग ने भारत सरकार की ऑफिशल वेबसाइट पर पंजाब का भेजा हुआ कॉन्सेप्ट दिखाया और बताया कि इसमें कहीं भी सीएम मान और अरविंद केजरीवाल की फोटो नहीं है. सुनील जाखड़ ने झूठ बोला है. केंद्र में जब से पीएम मोदी आए है बीजेपी ने झूठ की दुकान खोल रखी है. बीजेपी नेता हर मामले पर झूठ बोलते है.
कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग बीजेपी पर साधा निशाना
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी पंजाब की झांकी रिजेक्ट किए जाने पर एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी को घेरा. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि यह अत्यधिक असंभव है कि 26 जनवरी की परेड के लिए पंजाब की झांकी को अस्वीकार कर दिया गया है. सभी झांकियों का एक केंद्रीय दल द्वारा निरीक्षण किया जाता है और कुछ भी आपत्तिजनक न होने पर ही उन्हें चुना जाता है. यदि कोई बदलाव हो तो केंद्र सरकार बदलाव का सुझाव दे सकती थी, लेकिन हमारी झांकी को सिरे से खारिज करना यह साबित करता है कि वे पंजाब के साथ भेदभाव करते हैं. यह सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप नहीं है.
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