चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सख्त टिप्पणी, SC में हुई सुनवाई, जानें- अब तक क्या कुछ हुआ?
Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. 20 फरवरी को भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जानें इस मामले की पूरी डिटेल.
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Chandigarh Mayor Election 2024: चंडीगढ़ मेयर चुनाव से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सोमवार (19 फरवरी) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वह अवलोकन और वीडियो लाने के लिए मंगलवार को न्यायिक अधिकारी को तैनात करें. सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारी और रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने की व्यवस्था करने का निर्देश प्रशासन को दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मंगलवार दोपहर 2 बजे मतपत्रों और मतों की गिनती की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग का अवलोकन किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि खरीद-फरोख्त हो रही है. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि चंडीगढ़ महापौर चुनाव को लेकर दायर याचिका पर किसी और दिन सुनवाई की जाए. कोर्ट ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह से पूछा कि उन्होंने मतपत्रों पर ‘X’ निशान क्यों लगाए. निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और कहा कि उन्होंने आठ 'विकृत' मतपत्रों पर ‘X’ का निशान लगाया था.
कब क्या हुआ?
24 जनवरी
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को मेयर चुनाव कराने का आदेश दिया.
30 जनवरी
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 4 वोट से BJP को जीत मिली, जबकि 8 वोट रद्द हुए.
31 जनवरी
हाईकोर्ट ने मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा.
5 फरवरी
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने कहा- यह लोकतंत्र की हत्या.
रिटर्निंग अधिकारी पर चलाया जाना चाहिए मुकदमा.
नगर निगम की 7 फरवरी को होने वाली बैठक को स्थगित किया
18 फरवरी
चंडीगढ़ के मेयर का इस्तीफा, आप के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल.
19 फरवरी
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई.
- सुप्रीम कोर्ट ने ‘खरीद-फरोख्त होने' का जिक्र करते हुए कहा है कि वह 20 फरवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के मतपत्रों और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो-रिकॉर्डिंग का अवलोकन करेगा.
- अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से दिल्ली लाने के लिए एक न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया.
- पांच फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विकृत किया है और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. अदालत ने इसे ‘‘हत्या’’ के समान करार देते हुए ‘‘लोकतंत्र का मजाक’’ बताया था.
- प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन को हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी और रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया.
- पीठ ने कहा, ‘‘हम दोपहर दो बजे खुद रिकॉर्ड देखेंगे.’’ प्रधान न्यायाधीश ने महापौर चुनाव के मामले की सुनवाई मंगलवार के बजाय किसी और दिन किए जाने की अर्जी को खारिज करते हुए कहा, ‘‘खरीद-फरोख्त हो रही है.’’ शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुपालन में मसीह पीठ के समक्ष उपस्थित हुए और न्यायाधीशों ने कुछ मतपत्रों में कथित छेड़छाड़ के मामले में उनसे सवाल किये.
- न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते हुए, मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही ‘‘विकृत’’ आठ मतपत्रों पर ‘‘X’’ चिह्न लगाया है. उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे.
- आप पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की.
- महापौर पद के लिए बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले. आठ वोट अवैध घोषित किए गए.
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