Haryana News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को हरियाणा (Haryana) सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम 2014 की वैधता को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. इसके तहत हरियाणा में गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए एक अलग समिति का गठन किया गया था.


इस याचिका पर सुनाया फैसला
दरअसल न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ री पीठ ने 2014 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के सदस्य हरभजन सिंह नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर एक रिट याचिका में फैसला सुनाया. यह 2019 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी अधिनियम को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की थी.






याचिकाकर्ता ने दिया यह तर्क
याचिकाकर्ता ने हरियाणा के कानून को यह तर्क देते हुए चुनौती दी कि राज्य विधानमंडल के पास गुरुद्वारा प्रबंधन के लिए एक निकाय बनाने की शक्ति नहीं है. क्योंकि ऐसी शक्ति संसद के पास आरक्षित है. हरियाणा कानून को सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956, पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के साथ-साथ अंतरराज्यीय निगम अधिनियम, 1957 के उल्लंघन के रूप में चुनौती दी गई थी. वहीं 29 मार्च को न्यायालय ने याचिकाओं की स्थिरता के संबंध में हरियाणा राज्य द्वारा उठाई गई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया था और इस मामले पर मैरिट के आधार पर विचार करने का निर्णय लिया था.


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