Punjab News: सतलुज यमुना संपर्क (SYL) नहर मुद्दे पर चर्चा को लेकर एक अहम बैठक के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को राज्य के पुराने रुख को दोहराया और कहा कि उनके पास साझा करने के लिए 'अतिरिक्त जल नहीं' है. मुद्दे पर करीब एक घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद सीएम मान ने मीडिया को बताया, ''एक मुख्यमंत्री के नाते मैं कह रहा हूं कि हमारे पास (साझा करने के लिए) जल नहीं है. हमने बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अवगत करा दिया है. हम हमारे पुराने रुख पर अडिग हैं कि हमारे पास जल नहीं है.
वहीं एक सवाल के जवाब में सीएम मान ने कहा कि पंजाब उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखेगा. उन्होंने कहा, कि हम शीर्ष अदालत के समक्ष हलफनामा दाखिल करेंगे. एसवाईएल नहर मुद्दे पर चर्चा को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. यहां एक पांच सितारा होटल में चल रही बैठक गुरुवार दोपहर बाद शुरू हुई थी. बैठक में दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं जबकि एसवाईएल मुद्दे पर बीते एक साल के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच यह तीसरी बैठक है. वहीं मौजूदा वर्ष के दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत दूसरी बार दोनों मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी वाली इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
बैठक से पहले किसानों ने किया प्रदर्शन
हरियाणा सरकार द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, शेखावत लंबे समय से चले आ रहे एसवाईएल मुद्दे के समाधान के लिए बैठक कर रहे हैं. पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने बैठक से पहले मोहाली में प्रदर्शन किया और कहा कि पंजाब के पास किसी दूसरे राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त जल नहीं है. भारतीय किसान यूनियन-राजेवाल (भाकियू-राजेवाल), किसान संघर्ष समिति (पंजाब), और भाकियू (मनसा) विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले संगठनों में शामिल थे।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल में अपने पंजाब के समकक्ष भगवंत मान को एक पत्र लिखा था और एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित किसी भी बाधा या मुद्दे को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी.
'पानी ही नहीं तो नहर क्यों बनाएं- सीएम मान
एसवाईएल मुद्दे के संदर्भ में सीएम मान ने कहा, ''उच्चतम न्यायालय में मामले पर सुनवाई चल रही है और अदालत ने दोनों राज्यों को बैठक करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा, ''पंजाब की ओर से मैंने अपना पक्ष रखा. मैंने वहीं रुख बरकरार रखा है, जो पहले इस मुद्दे पर था. हमारे पास पानी ही नहीं है को हम नहर कैसे बना सकते हैं? सीएम मान ने कहा, ''हरियाणा का कहना है कि पंजाब को पहले नहर का निर्माण करना चाहिए लेकिन हम कह रहे हैं कि जब पानी ही नहीं है तो फिर नहर क्यों बनाएं? अगर पानी ही नहीं होगा तो नहर कैसे बनाएंगे।''उन्होंने कहा कि 25 वर्षों के बाद दुनिया भर में नदी तट कानूनों की समीक्षा की गई लेकिन हमारे समझौते की कभी समीक्षा नहीं की गई.
'सतलुज कोई नदी नहीं है, नाला बन गया है'
सीएम मान ने कहा हमने वाईएसएल फार्मूला दिया था. उन्होंने कहा, ''हरियाणा पंजाब का छोटा भाई है, उन्हें भी पानी की जरूरत है लेकिन पानी प्राप्त करने के लिए उनके पास यमुना-शारदा संपर्क जैसे अन्य तरीके भी हैं. उन्होंने कहा कि सतलुज कोई नदी नहीं है, 'यह एक नाला बन गया है. सीएम मान ने कहा, ''हमने उनसे कहा है कि हम अपने पहले के रुख पर कायम हैं कि हमारे पास पानी नहीं है.
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