Punjab News: सतलुज यमुना लिंक (SYL) को लेकर पंजाब की सियासत लगातार गरमाई हुई है. आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) पर कांग्रेस (Congress), बीजेपी (BJP) और अकाली दल के नेता लगातार निशाना साध रहे हैं. बुधवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर सुनील जाखड़, सुखबीर सिंह बादल, प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग पर निशाना साधा. इस पर अब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पलटवार किया है.
बाजवा ने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, "महाराजा सतोज, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब एसवाईएल के सर्वे के लिए टीम पंजाब आएगी तो सबसे पहले इस पर अपनी पार्टी और सरकार का रुख स्पष्ट करें. क्या आप उस सर्वेक्षण को रोकने में मदद करेंगे और बताएंगे कि आपकी कानूनी टीम ने पंजाब के शाह राग पानी पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मामले को कमजोर क्यों किया?"
प्रताप सिंह बाजवा ने और क्या कहा?
कांग्रेस नेता ने पोस्ट में आगे लिखा, "आपके गांव के लोग चर्चा करते हैं कि जब आप खाल पर ड्यूटी करते थे तो अक्सर लोग आपको शाम को खेत से उठाकर घर छोड़ देते थे. देखिए कहीं आपकी नाक के नीचे से पंजाब का पानी फिर से हरियाणा में तो नहीं चला जाएगा, जैसे पड़ोसी आपके गंदे पानी का पानी ले जाते थे. 'भगवंत शाह' यदि आपमें थोड़ी भी शर्म होती तो आप पंजाब को अकेला नहीं छोड़ते और अपने मालिक का ड्राइवर बनकर हर दिन पंजाब के विमान को दूसरे राज्यों में ले जाते. क्या यह पंजाब के खजाने की लूट नहीं है? पंजाब आपके जवाब का इंतजार कर रहा है."
क्या बोले थे सीएम मान?
बता दें कि सीएम मान ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा था, "सुनील जाखड़, सुखबीर बादल, बाजवा, राजा वड़िंग, कोई थोड़ी बहुत शर्म नाम की चीज घर से लेकर चलते हो या नहीं? चांदी की कस्सी से टक लगाने वाली फोटो में कैप्टन के साथ बलराम जाखड़ भी खड़े हैं! देवीलाल ने हरियाणा विधानसभा में प्रकाश सिंह बादल की SYL के सर्वे करने की अनुमति देने की प्रशंसा की. सुखबीर सिंह गुरुग्राम के ओबेरॉय होटल की फर्द लेकर आना. जहां तक पानी की बात है, तो उसकी चिंता मत करो, बचपन में भी मेरी ड्यूटी खेत की निगरानी के लिए लगती थी, कि खाल में कोई छेद न पड़ जाए."
मान ने आगे कहा, "परमात्मा ने आज भी मेरी ड्यूटी खाल पर ही लगाई है, बस उस खाल का नाम 'सतलुज' है. 1 नवंबर को अपने पुरखों की तरफ से कुर्सी के लिए किए गए कुर्सीनामे जरूर साथ लेकर आना, ताकि मेरे वतन पंजाब के लोगों को भी पता चले कि 'कुर्बानी' देने की बात कह कर कितनी बार उनकी कुर्बानी ली गई."
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