SYL Canal Dispute: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर(Manohar Lal Khattar) विवादास्पद सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके. भगवंत मान ने हरियाणा निवास में बैठक के बाद कहा कि पंजाब के पास बांटने के लिए पानी नहीं है. पंजाब में नहर के हिस्से का निर्माण पूरा करने का सवाल ही नहीं पैदा होता है.
बैठक में नहीं बनी सहमति
वहीं मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब अपने भू-भाग में नहर के निर्माण पर सहमत नहीं हुआ. उन्होंने कहा, बैठक में कोई सहमति नहीं बनी. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मुख्यमंत्रियों को मुलाकात करने और पानी के बंटवारे के इस मुद्दे का कोई सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिये कहा था. एसवाईएल नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच कई दशकों से विवाद बना हुआ है. पंजाब का कहना है कि रावी और ब्यास नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है और इसलिए पानी की मात्रा का पुन: आकलन करने की आवश्यकता है.
मनोहर लाल खट्टर ने कहा
वहीं हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा किए जाने की मांग कर रहा है, ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके. इसके साथ ही हरियाणा का यह भी कहना है कि पंजाब को सुप्रीम कोर्ट के 2002 और 2004 के आदेशों का पालन करना चाहिए. इनमें उसे नहर पूरा करने के लिए कहा गया है. इस संबंध में चर्चा के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक तय होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि एसवाईएल के पानी पर उनके राज्य का पूरा अधिकार है.
कोर्ट ने दिया था आदेश
वहीं भगवंत मान का कहना था कि बैठक में पंजाब के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी. केंद्र ने छह सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि इस विवाद को सुलझाने में पंजाब सरकार सहयोग नहीं कर रही है. केंद्र की ओर से पेश तत्कालीन अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के सामने कहा था कि सर्वोच्च अदालत ने 2017 में इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान करने को कहा था और केंद्र अपने जल संसाधन मंत्रालय के जरिए दोनों राज्यों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है.