Abdul Karim Tunda Acquitted: हरियाणा के रोहतक में 1997 में हुए दो बम धमाकों के मामले में जिले की कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दाऊद इब्राहिम के करीबी आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. 1997 में ओल्ड सब्जी मंडी और किला रोड लाल मस्जिद के बाहर बम धमाके हुए थे. इसमें लगभग आठ लोग घायल भी हुए थे. सरकारी एजेंसियां कोर्ट के सामने अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाईं, जिसके चलते कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया.
इस मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसी मामले को लेकर दो वकीलों के बीच बहस भी हुई. पहले कोर्ट ने तकनीकी कारणों से 15 फरवरी की तारीख दी थी, लेकिन 15 और 16 तारीख पर फैसला नहीं होने के कारण 17 फरवरी की तारीख दी गई. अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ गवाही बंद कर दी गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जब अब्दुल करीम टुंडा की पेशी हुई, तो उसने इन बम धमाकों में शामिल होने से इनकार किया.
नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हुआ था अब्दुल करीम टुंडा
गौरतलब है कि अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ 2 मुकदमें रोहतक में चल रहे हैं, जबकि अन्य जगहों पर भी 5 मामले चल रहे हैं. इस मामले में 70 और 71 नंबर एफआईआर दर्ज की गई थी. 70 नंबर एफआईआर में कुल 42 गवाह थे. इसमें केस के दौरान 34 गवाह कोर्ट के सामने पेश हुए. वहीं 71 नंबर एफआईआर में कुल 38 गवाह थे, जिसमें से 18 कोर्ट के सामने पेश हुए. 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हुए अब्दुल करीम टुंडा को रोहतक पुलिस ने दिल्ली पुलिस से प्रोडक्शन वारंट पर लिया था और तभी से अदालत में इस मामले में सुनवाई चल रही थी. इस केस में दो आरोपी पहले ही बरी हो चुके हैं.
टुंडा को एक दूसरे केस में सुनाई जा चुकी है उम्र कैद की सजा
अब्दुल करीम टुंडा फिलहाल राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है. इसके अलावा सोनीपत शहर में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे. उस दिन शाम 5:15 बजे पहला धमाका बस स्टैंड के पास बावा सिनेमा हॉल में हुआ था. महज इसके 10 मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ था. धमाके में करीब 10 से 12 लोग घायल हुए थे. इसमे अब्दुल करीम टुंडा को 2017 में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है.
पानीपत अदालत भी एक मामले में कर चुकी है बरी
वहीं एक फरवरी 1997 की शाम पानीपत में लगभग पांच बजे रोडवेज बस स्टैंड के पास एक निजी बस में ब्लास्ट हुआ था. विस्फोट में 21 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. अस्पताल में इलाज के दौरान एक की मौत हो गई थी. 2016 में पानीपत अदालत इस मामले में अब्दुल करीम टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.
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