Waris Punjab De: अमृतपाल पर हुई कार्रवाई का ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर भी पड़ा असर, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा
Amritpal Singh News: अमृतपाल पर हुई कार्रवाई का असर ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर भी देखा गया. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार युवा पुलिस के डर की वजह से कार्यक्रम से दूर रहे.
Punjab News: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी, पंजाब के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार हमेशा एक बड़ा मामला रहा है. लेकिन इस बार ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गई. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह वारिस पंजाब दे कट्टरपंथी समूह पर कार्रवाई करना था. अमृतपाल पर की गई कार्रवाई का असर यहां भी देखा गया.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के अलावा एक दूसरी वजह ये भी थी कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 39वीं बरसी पर 6 जून को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अलगाववादी तत्वों के किसी भी नापाक मंसूबे से बचाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. यहीं नहीं स्वर्ण मंदिर परिसर की चारदीवारी में भी सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी और खुफियां एजेंसियों के जासूस तैनात थे.
पुलिस के डर से लोगों ने बनाई दूरी
एएनआई की एक खबर के अनुसार, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अकाल तख्त में मुख्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति कार्यक्रम में इस बार 2 हजार लोगों ने भाग लिया. जो कि पिछले सालों की तुलना में कम था. पिछले वर्षो की बात करें तो करीब 3 हजार से ज्यादा लोग ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी में शामिल होते थे. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके लिए भी 'वारिस पंजाब दे संगठन पर की गई कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. युवा पुलिस के डर की वजह से भी कार्यक्रम से दूर रहे.
एसजीपीसी ने भी टास्क फोर्स को किया था तैनात
इसके अलावा एसजीपीसी द्वारा भी भारी संख्या में टास्क फोर्स को अकाल तख्त के कार्यक्रम में लगाया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सिख कट्टरपंथियों के बीच युवाओं द्वारा गुंडागर्दी कम देखी गई है. वहीं 1 जून को, सिख कट्टरपंथियों द्वारा ऑपरेशन ब्लूस्टार की 39वीं वर्षगांठ पर अमृतसर बंद का आह्वान किया था. इस दौरान भी शांतिपूर्व महौल दिखाई दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार गुंडागर्दी पर अंकुश लगा है.
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