Waris Punjab De Chief Amritpal Singh Interview: पंजाब में अमृतसर जिले के अजनाला में कुछ दिनों पहले 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. दरअसल एक युवक से मारपीट के आरोप में अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लवप्रीत तूफान पर की गई एफआईआर को रद्द करने और उसे छोड़ने को लेकर ये सारा हंगामा हुआ था. इसके बाद अमृतपाल सिंह लगातार सुर्खियों में हैं. इसी बीच एबीपी सांझा के वरिष्ठ पत्रकार जगविंदर पटियाल ने अमृतपाल सिंह से बात की और खालिस्तान से लेकर अजनाला हिंसा सहित सभी मुद्दों पर उनसे सवाल किए. आइये जानते हैं इन सवालों पर अमृतपाल सिंह ने क्या जवाब दिए?


जगविंदर पटियाल के सवाल और अमृतपाल सिंह के जवाब


जगविंदर पटियाल- कोई कहता है कि अमृतपाल सिंह आईएसआई के ट्रेनड हैं, कोई कह रहा है कि ये एजेंसियों के प्लांट किए गए हैं, आप बताएं, आप वास्तव में कौन हैं?


अमृतपाल सिंह- किसी के कहने से न तो मनुष्य कोई अच्छा बन सकता है न बुरा. ये कोई प्रोपेगेंडा नया नहीं है, जो धर्म की बात करता है, उसे आईएसआई का बंदा कह दिया जाता है. मै पंथ का दास हूं, सिख धर्म का नौकर हूं. इस से ज्यादा पद मुझे नहीं चाहिए, जो इंसान सामाजिक कुरीतियों को ठीक करने की कोशिश करे और जिन व्यक्तियों की ड्यूटी होती है, इसे ठीक करने की वो लोग ऐसा बोलते हैं. ड्यूटी वाले लोग अपनी गलती छुपाने के लिए इल्जाम लगाते हैं.


जगविंदर पटियाल- अगर आप सिर्फ दास हो तो आप इतनी बड़ी हुकूमत से कैसे टकराएंगे?


अमृतपाल सिंह- गुरु के दास बड़ी-बड़ी हुकूमतों से टक्कर लेने की हिम्मत रखते हैं.


जगविंदर पटियाल- आपका मकसद खालिस्तान है या कोई और है?


अमृतपाल सिंह- हमारा मकसद सब कुछ करना है और उसका अल्टीमेट गोल खालिस्तान है. खालिस्तान हमारी मंजिल है और रास्ते में हमारा संघर्ष है. खालिस्तान बनाना है हम ये नहीं कहते. खालिस्तान इज अल्टीमेट सोल्युशन
टू एवरी प्रॉब्लम.


जगविंदर पटियाल- अजनाला में जो कुछ हुआ क्या वो आपकी जीत है?


अमृतपाल सिंह- पंथ की जीत है, मेरी कहा जीत है.


जगविंदर पटियाल- आप श्री गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ लेकर गए. आपको सिख संगत से माफी मांगनी चाहिए?


अमृतपाल सिंह - क्यों माफी मांगनी चाहिए, ये हमारा पंथ का मसला है, हजारों की गिनती में वहां संगत गई थी. हजारों की गिनती में वहां संगत गई थी, साथ उन्होंने तो कहा नहीं.


जगविंदर पटियाल- पर वो तो आपका निजी मसला था.


अमृतपाल सिंह- हम पंथ के मसले पर चले हैं. इसमे हमारा निजी मसला कैसे हो गया. अगर हम इस रास्ते पर न होते तो हम पर ये झूठे केस भी न होते.


जगविंदर पटियाल- फेसबुक पर लड़ना कहा पंथ का मसला है?


अमृतपाल सिंह- कहां फेसबुक पर लड़ाई है. डीजीपी तक को चिट्ठियां लिखी गई हैं, शिकायतकर्ता ने चिट्ठी लिखी है. श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर जाने का जो मसला है, वो हमने पहले ही कहा था कि हम वहीर निकालेंगे. पहले भी हम पंजाब में वहीर लेकर गए हैं. करतार सिंह भिंडरावाले ने इमरजेंसी में 37 जुलूस निकाले थे.


जगविंदर पटियाल- उन्होंने किस चीज के खिलाफ  जुलूस निकाले थे?


अमृतपाल सिंह- इमरजेंसी के खिलाफ.


जगविंदर पटियाल- पर ये तो आप अपने लिए लेकर गए थे.


अमृतपाल सिंह- पर्चा मेरे खिलाफ नहीं हुआ है. मैं जो काम कर रहा हूं, नशे को रोकने का उसके खिलाफ ये पर्चा हुआ है. 2 हजार रुपये की मेरे उपर लूट डाली गई और 600 रुपये मैंने वापस कर दिए. क्या ऐसे पर्चे होते हैं कभी.


 जगविंदर पटियाल- किसी व्यक्तिगत के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को वहां ले कर जाना क्या सही है?


अमृतपाल सिंह- किसी व्यक्ति के लिए नहीं, एक नौजवान सिख जो बेगुनाह है, जेल में बंद है, क्या आप लोगों को उसकी कोई परवाह नहीं है.


जगविंदर पटियाल- अगर श्री गुरु ग्रंथ साहिब न जाते तो क्या आपको कमजोर लगता था कि ये आप नहीं कर पाएंगे?


अमृतपाल सिंह- नहीं हमने ऐसी तो कोई बात ही नहीं की. हमने तो वहां अमृत संचार कराया है. 240 लोगों ने अमृत चखा है. गुरु साहिब की हजूरी में ही होना था, वो अमृत संचार और कैसे होना था.


जगविंदर पटियाल- 550 साल बाद कमेटी बनानी पड़ रही है. 17 मेंबर की ये जानने के लिए कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब को कहां-कहां ले कर जा सकते हैं और कहां नहीं लेकर जा सकते. क्या आपको इस बात का अफसोस नहीं है?


अमृतपाल सिंह - मुझे अफसोस क्यों होगा.


 जगविंदर पटियाल- क्यों बनानी पड़ी 550 साल बाद. हम क्यों बना रहे हैं, क्योंकि ये नौबत आपके कारण आई?


अमृतपाल सिंह- कमेटी अकाल तख्त साहिब ने बनाई है. अगर अकाल तख्त हमें बुलाएगा तो हम जाएंगे. इस बात में उन लोगों का क्या ताल्लुक है, जिनको धर्म का कुछ पता नहीं. उन्होने कहा है कि मोर्चे वाली जगह पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश हो सकता है या नहीं. क्या ये कमेटी सिख रेजीमेंट को कहेगी कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करना है या नहीं करना है?


जगविंदर पटियाल- आप अजनाला में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर गए. वहां जो माहौल था, अगर श्री ग्रंथ साहिब को वहा कोई ईंट या पत्थर आकर लग जाता तो बेअदबी हो सकती थी. वहां आपने दूसरा बरगाड़ी करवा देना था.


अमृतपाल सिंह - बरगाड़ी की जो घटना है वो सिखों के लिए ट्रामा है. बरगाड़ी की जो घटना है उसमे गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप गायब किया गया था. 6 महीने पोस्टर लगाए गए. उसके बाद गुरु के अंग फाड़ कर फेंके गए. अजनाला में पांच प्यारे गुरु की हाजिरी में थे. संगत इतनी बड़ी गुरु की हाजिरी में थी, हम खुद आगे गए है हैं. वहां पर गुरु साहिब का प्रकाश किया और अमृत संचार किया है. इससे क्या अपमान हुआ है. 


जगविंदर पटियाल- बैरिकेडिंग पर जो झगड़ा हुआ.


अमृतपाल सिंह-  बैरिकेडिंग  पर जो हुआ संगत का हुआ. इसमें गुरु साहिब का क्या लेना-देना है. आप वीडियो देखें.


जगविंदर पटियाल- मान लो वहां पथराव और लाठीचार्ज हो जाता.


अमृतपाल सिंह- पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.


जगविंदर पटियाल- आपके कितने लोग जख्मी हुए?


अमृतपाल सिंह - 21 व्यक्ति हमारे जख्मी हुए.


जगविंदर पटियाल- फिर आपने पर्चा दर्ज क्यों नहीं करवाया?


अमृतपाल सिंह- आपने वीडियो देखी या नहीं पुलिस ने लाठीचार्ज किया या नहीं किया. मैं आपको वीडियो दिखा दूंगा. फिर आप क्या करेंगे.


जगविंदर पटियाल- मैं कहता हूं कि शिकायत दें, एफआईआर दर्ज कराएं, जो आपके 21 लोग जख्मी हुए हैं, अगर पुलिस आपके ऊपर नाजायज पर्चा दर्ज कर सकती है तो ये भी दर्ज करना होगा कि आपके 21 लोग जख्मी हुए हैं.


अमृतपाल सिंह- हम पुलिस पर कंप्लेंट कर देंगे.


जगविंदर पटियाल- आप मुझे एक केस ऐसा बता दें जो 29 साल की उम्र में अपना केस कैंसिल कराने के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर गया हो?


अमृतपाल सिंह- संगत इकट्ठी हुई थी. ये एक व्यक्ति का केस नहीं है. एक बेकसूर को छुड़वाने के लिए, जिसको उसके घर से आतंकवादी की तरह उठाकर लेकर गए पुलिस वाले और उसे टॉर्चर किया गया. आपको लगता है कि क्या ये मसला पंथ का नहीं है. उसे क्यों घर से उठाया, क्योंकि वो पथक कार्य में आगे है. मेरा इंटरव्यू करने आप क्यों आए हैं, क्योंकि मैं पंथ के कार्यो में एक्टिव हूं, बाकि जो 100 लोगों पर केस है, आप वहां क्यों नहीं जाते इंटरव्यू करने.


जगविंदर पटियाल- पर आप कितने लोगों के लिए प्रोटेस्ट लेकर गए?


अमृतपाल सिंह- हमारे साथ जो हुआ हम उस पर ही करेंगे न.


जगविंदर पटियाल - आप पंथ के लिए काम कर रहे हैं, आपको सब के लिए जाना बनता है.


अमृतपाल सिंह- जो हमारे पास चल कर आता है, हम उसकी जहां तक मदद हो सकती है, करते हैं. पर मैं कोई इलेक्टेड बॉडी नहीं हूं और न ही मेरे पास कोई पुलिस फोर्स है.


जगविंदर पटियाल- मुझे ये इन्फॉर्मेशन है कि ये फिक्स्ड मैच था. बेरीकेडिंग तक जाना था फिर आगे पांच लोगों ने थाने में जाना था. आपकी अमृतसर पुलिस के साथ बात हुई थी या नहीं?


अमृतपाल सिंह- आप एक तरफ कह रहे हैं कि पुलिस ठीक किया. दूसरी तरफ कह रहे हैं कि  फिक्स्ड मैच था. हमारी किसी पुलिस से बात नहीं हुई. हमने कोआपरेट किया, सात दिन वेट किया था. पुलिस को हमने पहले दिन ही सबूत दिए थे. उसी सबूत के आधार पर हमारा व्यक्ति छोड़ा गया. अगर हमारा व्यक्ति झूठे केस में गिरफ्तार न होता तो क्या हमने वहां अजनाला में जाना था.


जगविंदर पटियाल- आप थाने के अंदर बैठ कर कह रहे थे एसएसपी को कि आप मेरी तड़ देखना चाहते थे कि मेरे पीछे लोग नहीं आएंगे. अब देख लो आप अब कैसे संगत आई है. पर जब गुरु की हुजूरी हो गई तो फिर आपकी तड़ कैसे हो गई वो तो गुरु की मर्यादा है?


अमृतपाल सिंह- आप श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप लेकर जाएं और संगत इकट्ठा करके दिखा दे मुझे. यहां पर मैंने तड़ की बात नहीं की थी. पुलिस ने ऊपर रिपोर्ट भेजी थी कि इनके पीछे 100 बंदे भी इकट्ठे नहीं होते. हमने कहा था पुलिस को कि हमारे ऊपर झूठा पर्चा दर्ज न करें. मैंने कहा था कि संगत आई या नहीं बाहर. अजनाला में हम अगले दिन भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब लेकर गए थे. सभी गुरुद्वारों के दर्शन किए थे.


जगविंदर पटियाल- आपने जो किया क्या वो मर्यादा है?


अमृतपाल सिंह- हां जी ये मर्यादा है.


जगविंदर पटियाल- आप फिर अकाल तख्त साहिब को चिट्ठी लिखें और कहें कि आपकी कमेटी गलत है. ये मर्यादा है.


अमृतपाल सिंह- कमेटी का फैसला क्या है वो अभी आना है, अगर हमें बुलाएंगे अकाल तख्त पर, हम जाएंगे, अगर वो हमें बुलाएंगे हम वहां जाएंगे और अपना पक्ष रखेंगे. आप भी वहां आ जाना.


जगविंदर पटियाल- क्या आपको लगता है कि अकाल तख्त साहिब आपको तलब करें?


अमृतपाल सिंह - मेरे कहने पर अकाल तख्त साहिब मुझे तलब नहीं करेगा, जो व्यक्ति जिसने कभी कोई पाप नहीं किया, वही कहेगा बुला लो मुझे जहां कहीं भी. संगत नहीं मानती कि गलती हुई है, अगर कोई संगत कहती है कि गलती हुई है, उसे मेरे पास लेकर आएं. चार लोगों, जो मेरे पहले ही विरोधी हैं, उनको संगत का रूप न दें, जिन पर बेअदबी के केस हैं, वो लोग ही मेरा विरोध कर रहे हैं.


जगविंदर पटियाल- कौन हैं वो चार लोग, मुझे नहीं पता, आप बता दें?


अमृतपाल सिंह- जो लोग कह रहे हैं कि बेअदबी की है, वो कौन हैं, बताओ मुझे, राजा वडिंग, रवनीत बिट्टू, बादल, मजीठिया, इन लोगों का कोई आधार है पंथ में?  नया व्यक्ति कौन है, जो मेरा विरोध करता है, यही है जो मेरे पहले विरोधी थे.


जगविंदर पटियाल- आप विदेश में रहे हो 10 साल, वहां पर भी लंगर मेज कुर्सियों पर खाते हैं, क्या आपने वहां से हटवाएं?


अमृतपाल सिंह- मैंने तो दुबई में पंगत में बैठ कर लंगर चखा है. हमारे सामने किसी ने नहीं चखा कुर्सी-मेज पर बैठ कर, जहां पर हमारे सामने होगा वहा हम करेंगे.


जगविंदर पटियाल- चीफ मिनिस्टर कहते हैं कि आपको पाकिस्तान से फंडिंग हो रही है?


अमृतपाल सिंह- हो सकता है कि पाकिस्तान को फंडिंग की जरूरत हो. उनकी हालत ऐसी हो चुकी है. हमारे यहां ये फिनोमिना रहा है कि हमने अगर किसी का विरोध करना है तो उसे किसी के साथ जोड़ दो.


जगविंदर पटियाल- अपने दरबार साहिब में जाते हुए कहा था कि डीजीपी फिर एफआईआर दर्ज करें, मै फिर आऊंगा.


अमृतपाल सिंह - क्या हम नौजवानों को जेल में सड़ने देंगे. ये भविष्य का फैसला है. उन्होंने एफआईआर दर्ज करनी है, ये भी भविष्य का फैसला है.


जगविंदर पटियाल- क्या आपको अफसोस है, जो अजनाला में हुआ उसका?


अमृतपाल सिंह- जब किसी को चोट लगती है तो मुझे उसकी खुशी नहीं होती, पर मैं ये कहता हूं कि जब हमारे बेकसूर नौजवान को उठाया गया, क्या तब किसी को अफसोस हुआ. उसे टॉर्चर किया, मारा गया, पीटा गया, क्या तब किसी को अफसोस हुआ. उसका परिवार डिप्रेशन में चला गया क्या तब किसी को अफसोस हुआ.  उसका हमें साइकेट्रिस्ट के इलाज कराना पड़ेगा, क्या किसी ने अफसोस किया. हमारे हजारों नौजवान मार दिए गए, क्या किसी को अफसोस हुआ आज तक, मै कहता हूं कि अफसोस दोनों तरफ से होता है. पुलिस वाले हमारे भाई हैं. उनको भी मैं कहता हूं उन्होंने भी इसी तंत्र में रहना है, वो भी इसी पंजाब के लिए जी रहे हैं. अगर पंजाब को ही किसी के हाथ में गिरवी रखना है तो फायदा क्या.


जगविंदर पटियाल- पंजाब पुलिस का मनोबल आपकी बातें सुनकर डाउन होगा.


अमृतपाल सिंह- ऊंचा होगा, मेरी बातें सुनकर उनका मनोबल ऊंचा होगा.


जगविंदर पटियाल- जिन पुलिस वालों ने आपके बेकसूर नौजवान को गिरफ्तार किया था, आपको उनके खिलाफ कोर्ट में जाना चाहिए.


अमृतपाल सिंह- पुलिस के साथ मैं सहमति प्रकट करता हूं कि उन पर पॉलिटिकल प्रेशर था. पॉलिटिकल प्रेशर में आकर आपको अपना काम गलत नहीं करना चाहिए. पॉलिटिक्स जो है, वो तो पांच साल में बदल जाएगी, पर पुलिस तो वही रहेगी.  क्या 1947 के बाद कोलोनियल प्रैक्टिस बंद होनी चाहिए या नहीं, क्या पुलिस को अपने तरीकों में बदलाव करना चाहिए या नहीं.


जगविंदर पटियाल- आप एक शाम में ही सिस्टम बदलना चाहते हैं, ऐसे थोड़ी होता है. आप दस साल दुबई में रहकर आए हो वहां पर भी सख्त सजाएं हैं.


अमृतपाल सिंह- वहां पर इनजस्टिस नहीं होता किसी के साथ. वहा पर निर्दोष को उठाकर जेल में नही डालते,  वो हमारा मुल्क नहीं है. हम वहां काम करने जाते हैं. हमारी दशा ये कर दी है कि हमे अरब देशों में काम करने के लिए जाना पड़ रहा है, जो भी अजनाला में हुआ उसे अवॉइड किया जा सकता था.


जगविंदर पटियाल- आप जिस प्रवृत्ति के साथ चल रहे हो, क्या आपको लगता है कि इस प्रवृत्ति के साथ पंजाब वो हासिल कर लेगा जो आप कह रहे हो?


अमृतपाल सिंह- मैं इस प्रवृत्ति के साथ नहीं चल रहा. मैंने 37 दिन वहीर निकाली है, मैंने एक भी दिन लाॅ एंड ऑर्डर की समस्या नहीं आने दी. यहां तक कि ट्रैफिक की भी समस्या नहीं आने दी.


जगविंदर पटियाल- अजनाला में जो कुछ हुआ, भविष्य में सिखिज्म में ऐसी बात नहीं होनी चाहिए?


अमृतपाल सिंह- मुझे ये लगता है ये कमेंट करने का अधिकार उनका होना चाहिए, जो सिखिज्म को जानते हैं.


जगविंदर पटियाल- आप गलत नजीर पेश कर रहे हैं.


अमृतपाल सिंह- मैं कोई नजीर पेश नहीं कर रहा. मैं अपनी की गई बात का रिस्पांसिबल हूं और ये मैंने पहली बार नहीं किया है. हम गुरु साहिब की अगुवाई में चलते रहे हैं.


जगविंदर पटियाल- मै आपको बहादुर मानता, अगर आप वहां अकेले जाते.


अमृतपाल सिंह- तो क्या आपको लगता है कि मैं डरपोक हूं, फिर तो आप सबको डरपोक कहेंगे.


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