Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह इन दिनों असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है. पुलिस उससे लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है लेकिन अभी तक अमृतपाल की तरफ से कोई बड़ा खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन अमृतपाल ने अपनी फंडिंग के स्रोतों का खुलासा करने से इनकार कर दिया है साथ ही पुलिस से गुहार लगाई है उसे छोड़ दिया जाएगा तो वो अपराध की सीमा को पार नहीं करेगा. अमृतपाल ने पुलिस को ऑफर देते हुए कहा है कि वो पंजाब में नशे की समस्या से लड़ने में मदद कर सकता है.
'खतरनाक साबित हो सकता है अमृतपाल’
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'अमृतपाल की तरफ से जो कहा गया है उसके पीछे उसके खतरनाक मनसूबे भी हो सकते हैं. यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वो फिर से अपने लिए जनाधार बनाने की कोशिश तो नहीं करेगा. अगर वह फिर से शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करता है और लोगों का समर्थन जुटाता है तो वो खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में उसे रोकने की जरूरत है.' अमृतपाल ने छोड़ देने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे छोड़ दिया जाएगा तो फिर से नशे के खिलाफ अपने काम को शुरू कर देगा. वो अपराध की सीमा रेखा को पार नहीं करेगा. क्योंकि वो इस लड़ाई को लंबे समय तक लड़ना चाहता है.
डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल सिंह
आपको बता दें कि अमृतपाल और उसके 9 साथी इस समय असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत इनकी गिरफ्तारी की गई है. अमृतपाल की 23 अप्रैल को भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे से गिरफ्तारी की गई है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पंजाब में आंतकवाद फैलाने के लिए विदेशों में मौजूद सिख अलगाववादियों और पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों ने अमृतपाल को भारत भेजा था.