Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अपने 9 साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल (Dibrugarh Jail) में बंद है. अमृतपाल और उसके साथियों की गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गई है. मंगलवार को एनएसए बोर्ड के सदस्य असम की डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे.


इस दौरान अमृतपाल और उसके साथियों से सवाल पूछे गए और सभी के अलग-अलग स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए. इसकी जानकारी अभी अभी गुप्त रखी गई है. इस NSA बोर्ड के अध्यक्षता पूर्व हाई कोर्ट की रिटायर जस्टिस शाबिहुल हसनैन कर रहे हैं. इसके अलावा बोर्ड के सदस्यों में सुवीर सिओकंद, दिव्यांशु जैन, पंजाब पुलिस के आईजी राकेश अग्रवाल शामिल हैं.


डिब्रूगढ़ जेल में बंद 9 आरोपी


अजनाला थाने पर हमला करने और खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अमृतपाल सिंह के अलावा उसके 9 साथी डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. अमृतपाल के करीबी पपलप्रीत को भी डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा गया था. उसकी गिरफ्तारी अमृतपाल से पहले कर ली गई थी. पपलप्रीत की गिरफ्तारी 10 अप्रैल को हुई थी. वहीं अमृतपाल को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. करीब 36 दिनों तक अमृतपाल पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा था. आखिरकार जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया था.


माता-पिता और पत्नी ने भी की थी मुलाकात


अभी कुछ दिन पहले ही अमृतपाल के माता-पिता भी उससे मिलने के लिए डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे थे. इस दौरान अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने कहा था कि उनका बेटा जेल में चढ़दीकला में है. माता-पिता ने केंद्र और राज्य सरकार से अमृतपाल और उसके साथियों को तुरंत जेल से रिहा करने की मांग की थी. उससे पहले अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर भी अमृतपाल से मिलने के लिए पहुंची थी. 


अमृतपाल के समर्थन में है SGPC


आपको बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि अमृतपाल घटनाक्रम में जितने भी सिख युवकों को गिरफ्तार किया गया वो उन सबके केस लड़ेगी. SGPC के वकीलों की टीम भी डिब्रूगढ़ में अमृतपाल समेत अन्य लोगों से मुलाकात के लिए पहुंची थी. 


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