Punjab News: वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह 36 दिन तक लगातार पुलिस और खुफिया एजेंसियों को चकमा देकर देश के चार राज्यों में गुप्त रूप से पनाह लेता रहा. इतना ही नहीं वह पंजाब में ही समर्थकों की मदद से बचता रहा. पंजाब पुलिस से बचने के लिए वह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी छिपता रहा. खास बात यह है कि 18 मार्च से लेकर 23 अप्रैल तक जहां-जहां पर उसने पनाह ली, उसकी जांच पंजाब पुलिस ने शुरू कर दी है.
पंजाब पुलिस के साथ साथ एनआईए भी इस मामले की जांच में जुट गई है. अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस को चकमा देने के लिए कनाडा के इंटरनेशनल नंबर से वाट्सएप कॉलिंग करता था, उसके बाद एक डोंगल भी था, जिसे हरियाणा से खरीदा था. पंजाब के मोगा में आने से पहले अमृतपाल को एक डोंगल व मोबाइल किसी ने दे दिया.
अब पंजाब पुलिस उसी व्यक्ति की तलाश में है. जानकारी के मुताबिक डोंगल व मोबाइल मुहैया कराने वाला आदमी मोगा तक अमृतपाल के साथ रहा. इस दौरान अमृतपाल ने विदेशों में कई लोगों से बात की, जिसकी जानकारी अब काउंटर इंटेलिजेंस को मिल रही है. डीजीपी ने होशियारपुर, नवांशहर, कुरुक्षेत्र, पानीपत, दिल्ली और पीलीभीत में उसके पनाहगारों की जांच के लिए 3 टीमें बनाई है. टीमों का नेतृत्व इंटेलिजेंस के चीफ करेंगे. गृह मंत्रालय ने मोगा से अमृतपाल की गिरफ्तारी संबंधी रिपोर्ट भी तलब की है.
गिरफ्तारी के दौरान खाली हाथ था अमृतपाल
बता दें कि पंजाब पुलिस द्वारा मोगा में गिरफ्तारी के दौरान अमृतपाल के पास एक भी पैसा नहीं था. न ही उसके पास कोई मोबाइल फोन मिला. पुलिस मोगा के रोडे गांव में लगे सीसीटीवी की फुटेज भी ले रही है. अमृतपाल के पास कोई सामान न मिलने को लेकर आला अफसर भी भी हैरान हैं. गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी का कहना है अमृतपाल ने आते ही कपड़े बदले थे.