Haryana News:  हरियाणा के लोगों की अब पानी को लेकर चिंता और बढ़ने वाली है. प्रदेश में जल संकट खड़ा हो सकता है. सरकार की ओर सिंचाई विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए सचेत कर दिया है. हरियाणा सरकार पहले ही साल 2022 में प्रदेश के 1780 गांवों को रेड जोन में शामिल कर चुकी है. वही अब लगातार गिरते जल स्तर को देखते हुए अलग-अलग श्रेणियां और बनाई गई है जिनमें गुलाबी, बैंगनी और नीली श्रेणियां शामिल है.  


क्या कहते है 10 साल के आंकड़े
जून 2010 से लेकर जून 2020 तक के यानि 10 सालों के आंकड़ों के हिसाब से पता चला है कि जिन 957 गावों को रेड जोन घोषित किया गया है, वहां भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष के बीच है. 79 गांवों में गिरावट दर जहां 2.0 मीटर प्रति वर्ष है तो वही 7.07 गांवों में गिरावट दर 1.01-2.00 मीटर प्रति वर्ष के मध्य दर्ज की गई है. वही 37 गांवों में भूजल स्तर में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई. साल 2020 के जून माह तक 1041 गांव इस श्रेणी में आ गए है. वही पिछले 10 सालों में 874 गांवों में उतार-चढ़ाव के साथ भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष रही है.


203 गांव हाई ट्रेंड पर आए
10 साल के आंकड़ों के अनुसार 203 गांव ऐसे है जो हाई ट्रेंड पर है, जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है. जबकि 13 गांवों में हाई ट्रेंड दर्ज नहीं किया गया है. 


गांवों को 7 जोन में प्रस्ताव 
हरियाणा सरकार द्वारा पहले भी भूजल स्तर गहराई के आधार पर प्रदेश के गांवों को सात जोन में बांटने का प्रस्ताव रखा गया है. खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी HWRA के इस प्रस्ताव के पक्ष में है. वही इस बार इन गांवों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जा रही है. 


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