WFI Membership Suspended: 'हम शर्मसार हैं'! दीपेंद्र हुड्डा बोले- 'एक व्यक्ति के घमंड और कुकृत्यों के कारण हमारे पहलवानों को...'
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द किया जाना दुःखद है. एक आरोपी को बचाने के लिए देश के लिए सर्वाधिक मेडल लाने वाले खेल और संस्था की बलि चढ़ाई गई.
WFI Membership Suspended: अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने समय पर चुनाव नहीं करवाए जाने की वजह से भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है. अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने 45 दिनों के भीतर चुनाव न कराने पर डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया है. भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द होने पर तमाम राजनीतिक दलों के नेता बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर हमला बोल रहे हैं. इस बीच कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) बृजभूषण शरण सिंह पर निशाना साधा है.
एक आरोपी को बचाने को लिए खेल की बलि चढ़ी
दरअसल, दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि, 'यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द किया जाना दुःखद है. हम शर्मसार हैं कि एक व्यक्ति के घमंड और कुकृत्यों के कारण हमारे पहलवानों को पोडियम पर तिरंगे व राष्ट्रगान का साया नसीब नहीं होगा. एक आरोपी को बचाने के लिए देश के लिए सर्वाधिक मेडल लाने वाले खेल और संस्था की बलि चढ़ाई जा रही हैं.'
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द किया जाना दुःखद है।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 24, 2023
हम शर्मसार हैं कि एक व्यक्ति के घमंड और कुकृत्यों के कारण हमारे पहलवानों को पोडियम पर तिरंगे व राष्ट्रगान का साया नसीब नहीं होगा। एक आरोपी को बचाने के लिए देश के लिए सर्वाधिक मेडल लाने वाले खेल…
किन वजहों से नहीं हो सका चुनाव?
इस साल की शुरुआत से ही भारतीय कुश्ती संघ अपने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं करा सका है. इस साल की शुरुआत में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह शरण के खिलाफ पहलवानों ने आंदोलन किया था और उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.
इन आरोपों के बाद भारतीय कुश्ती संघ में तय समय पर चुनाव नहीं हो सके. नियम के मुताबिक इन चुनावों को जून 2023 तक हो जाना चाहिए था. हालांकि फरवरी से ही बृजभूषण सिंह शरण को कुश्ती संघ से दूर कर दिया गया था और मई में उनका कार्यकाल भी खत्म हो गया था लेकिन फिर कई राज्य इकाइयों ने इन चुनावों को लेकर अदालत का रुख कर लिया था.