El Nino: इस साल भारत में कृषि को प्रभावित कर सकता है अल नीनो, जानें- पंजाब-हरियाणा में क्या होगा असर?
What Is El Nino: मौसम विभाग के अनुसार मार्च से मई में सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्मी की लहरें चलने का अनुमान है. ऐसे में इसका प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ सकता है.
El Nino Predicted for 2023: सामान्य तौर पर हर तीन से पांच साल बाद होने वाली अल नीनो घटना इस साल भारत के मौसम को प्रभावित कर सकती है, जिससे कृषि क्षेत्र प्रभावित हो सकता है. नाम न छापने की शर्त पर एक कृषि वैज्ञानिक ने कहा, अल नीनो घटना से मानसून (Monsoon) की बारिश सबसे अधिक प्रभावित होती है, चूंकि बारिश कृषि गतिविधियों के लिए आवश्यक है, अल नीनो भारत के लिए चिंता का कारण बन सकता है. साथ ही इस पर अलग राय भी है.
इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक (दक्षिण एशिया) पीके जोशी के मुताबिक, भले ही इस साल अल नीनो प्रभाव के कारण कम बारिश हो, अधिशेष वर्षा वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से दक्षिणी भारत में फसल के नुकसान के मामले में ज्यादा प्रभावित नहीं हो सकता है, क्योंकि मामूली कमी वाली बारिश वहां फसलों के लिए कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं करती है.
मानसून का मौसम अभी दूर
जोशी ने कहा कि उत्तर भारत में भी कम बारिश की स्थिति में पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों पर उतना प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनके पास सिंचाई की अच्छी सुविधाएं हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि अल नीनो इस साल भारत में बारिश को प्रभावित करता है या नहीं, क्योंकि मानसून का मौसम काफी दूर है और रबी का मौसम भी कमोबेश खत्म हो गया है, इसलिए फिलहाल देश में किसी भी तरह की फसल नुकसान जैसी स्थिति की संभावना नहीं लगती है.
क्या है मौसम विभाग का अनुमान?
मौसम विभाग के अनुसार, हालांकि मार्च से मई में सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्मी की लहरें चलने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि भारत अनिवार्य रूप से मॉनसून से पहले और बाद में गंभीर घटना का अनुभव करेगा, जो कृषि क्षेत्र को प्रभावित करेगा. यदि अल नीनो से कृषि गतिविधियां प्रभावित होती हैं, तो इसका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है, क्योंकि वस्तुओं की कमी से मुद्रास्फीति में वृद्धि होगी.
क्या है अल नीनो?
ऊष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अल नीनो कहते हैं. इसकी वजह से समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है. ये तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है.
ये भी पढ़ें- Punjab Crime: पंजाब के होशियारपुर दिव्यांग महिला से रेप, पीड़िता को जालंधर से होशियारपुर ले गया था आरोपी