Know About Lightning Strike: पूरे भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है. बारिश के मौसम में अक्सर आकाशीय बिजली (वज्रपात) गिरने का खतरा रहता है. आए दिन अखबार और समाचार चैनलों में ऐसी खबरें सुनने को मिलती है कि फलां जगह आकाशीय बिजली गिरने से इतने लोगों की मौत हो गई या इतने मवेशी मारे गये. वैसे तो आकाशीय बिजली कहकर नहीं गिरती, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से इसके कहर से बचा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि क्या होती है आकाशीय बिजली और इससे कैसे बचा जा सकता है.


क्या होती है आकाशीय बिजली
गर्मी में पानी भाप बनकर ऊपर उड़ जाता है. जब पानी भाप बनकर ऊपर उठता है तो प्रत्येक 165 मीटर की ऊंचाई पर जाने पर तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आती है. जैसे जैसे पानी ऊपर उठता है वह जमने लगता है. जब बर्फ के टुकड़े आपस में टकराने लगते हैं तो इनमें घर्षण उत्पन्न हो जाता है. इस घर्षण के कारण स्ट्रेटिक करंट उत्पन्न हो जाता है. करेंट का पॉजिटिव चार्ज ऊपर चला जाता है और निगेटिव चार्ज नीचे आ जाता है. अब ये निगेटिव चार्ज पॉजिटिव को ढूंढने लगता है और जैसे ही इसे जमीन पर जहां कहीं भी पॉजिटिव चार्ज नजर आता है यह वहीं गिर जाता है. इसी को आकाशीय बिजली या वज्रपात बोलते हैं. इस बिजली का वोल्टेज 10 करोड़ वोल्ट होता है. यही वजह है कि इस बिजली से आदमी की मौत हो जाती है.


आकाशीय बिजली से कैसे बचें



  • वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाएं

  • खिड़की के कांच, टिन की छत, गीले सामान और लोहे के हैंडलों से दूर रहें.

  • वज्रपात के समय यदि पानी में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं.

  • सफर के दौरान अपने वाहनों में शीशे चढ़ा कर रखें.

  • मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन में सवारी न करें.


क्या न करें



  • वज्रपात के समय पेड़ के नीचे न खड़े हों.

  • बिजली के उपकरणों जैसे टेलीफोन  आदि का प्रयोग न करें

  • दीवार के सहारे टेक लगाके न खड़े हों

  • किसी बिजली के खंभे के पास न खड़े हों.

  • नहाना तुरंत बंद कर दें.


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