Amritpal Singh Arested: कौन है दुबई से लौटा अमृतपाल सिंह, जो पंजाब पुलिस के लिए बन गया था 'सिरदर्द'
Amritpal Singh खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे ‘ का प्रमुख है. अमृतपाल सिंह का जन्म 17 जनवरी वर्ष 1993 में पंजाब के अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा में हुआ था
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Amrit Pal Singh News: पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह को मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारा से गिरफ्तार कर लिया है. अमृतपाल 36 दिन बाद पुलिस के हाथ लगा है. पुलिस अमृतपाल की कई दिनों से देश के कई हिस्सों में तलाश कर रही थी. पंजाब पुलिस पहले ही अमृतपाल के खिलाफ NSA लगा चुकी है. बता दें कि अमृतपाल बीते 18 मार्च से फरार चल रहा था.
कौन है भगोड़ा अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे ‘ का प्रमुख है. अमृतपाल सिंह का जन्म 17 जनवरी वर्ष 1993 में पंजाब के अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा में हुआ था. अमृतपाल सिंह के पिता का नाम तरसेम सिंह है. मुख्य रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा का रहने वाला अमृतपाल वर्ष 2012 में अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में शामिल होने के लिए दुबई चला गया था. तब अमृतपाल सिंह महज 19 वर्ष का था. जिसके बाद वह वर्ष 2022 में भारत वापस लौटा. लेकिन सबसे पहले बीते 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह सुर्खियों में आया था. जब उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे.
पिछले साल भी अमृतपाल के समर्थकों ने जालंधर में मॉडल टाउन गुरुद्वारा में तोड़फोड़ और कुर्सियों और सोफों में आग लगा दी थी. समर्थकों का कहना था कि यह सिख धर्म की शिक्षाओं के खिलाफ है. इसके अलावा कपूरथला जिले के बिहारीपुरा गांव स्थित गुरुद्वारा में भी तोड़फोड़ की गई थी. अमृतपाल सिंह की पंजाब में सक्रियता महज कुल दो वर्षों से भी कम है. लेकिन बहुत कम समय में ही उसने पूरे पंजाब में अपना एक आधार वर्ग तैयार कर लिया है. इसके पीछे का कारण नशा और ड्रग्स का विरोध सहित अंदरखाने पंजाब को खालिस्तान बनाने के विचार को प्रसारित करना है.
भिंडरावाले को मानता है प्रेरणा
अमृतपाल भी सिखों के लिए जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह ही एक अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है. जरनैल सिंह भिंडरावाले के रूप में पंजाब में अमृतपाल को उसके समर्थकों द्वारा 2.0 की उपाधि दी गयी है. दरअसल, वर्ष 1980 के दशक में भिंडरावाले ने सिखों के लिए खालिस्तान देश की एक मांग की थी. उस वक्त पंजाब में इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ था.
भिंडरावाले के जैसे ही अमृतपाल सिंह अपने सिर पर एक भारी पगड़ी बांधता है. जबकि दुबई से भारत लौटते समय उसके सिर पर पगड़ी और चेहरे पर दाढ़ी नहीं थी. यह सिख युवाओं में जोश भरने के लिए हमेशा एक भड़काऊ भाषण देता है. वह खुद को आध्यात्मिक नेता बताता है. अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आदर्श बताता है. बता दें कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान ऑपरेशन ब्लू स्टार में मार गिराया गया था.
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