Politics of Opposition: क्या विपक्ष को एक कर पाएंगे इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला, 25 सितंबर को फतेहाबाद में रैली जुटेंगे कई नेता
Haryana News: चौधरी देवीलाल की जयंती पर हरियाणा के फतेहाबाद में 25 सितंबर को होने वाली रैली के जरिए ओमप्रकाश चौटाला बीजेपी विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी सफलता समय तय करेगा.
इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National LoDal) चौधरी देवीलाल (Chaudhary Devi Lal) की जयंती 25 सितंबर को फतेहाबाद (Fatehabad) में मनाएगा. इनेलो इस दिन को सम्मान दिवस के रूप में मनाता है.इस रैली के लिए विपक्ष के बड़े नेताओं (Opposition Leader) को आमंत्रित किया गया है. इनलो इस कार्यक्रम को नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है. इनलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला (Chaudhary Om Prakash Chautala) ने पिछले दिनों विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है. इस तरह वो हरियाणा में अपने खोए हुए जनाधार को फिर से हासिल करना चाह रहे हैं.
किन नेताओं को भेजा गया है निमंत्रण
इनेलो बीजेपी विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है. इस कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आना तय माना जा रहा है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों दिल्ली दौरे पर गुरुग्राम में ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात की थी.सम्मान दिवस रैली के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव,नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला,आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल,अकादी दल नेता सुखबीर सिंह बादल, आरजेडी नेता शरद यादव, जेडीयू के केसी त्यागी जैसे नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. इस रैली को लेकर ममता ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.वहीं विपक्षी एकता की कोशिश कर रहे केसीआर ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है. रैली के जरिए गैर कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा बनाने की कोशिश की जा रही है.
चौटाला परिवार की टूट का असर
चौटाला परिवार में टूट के बाद इनेलो हरियाणा में अपना मजबूत जनाधार खो चुकी है. पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में 90 में से केवल एक सीट ही जीत पाई थी.विपक्षी एकता की धुरी बनकर चौटाला अपना जनाधार वापस पाने की मुहिम चला रहे हैं. 'हिंदुस्तान' अखबार के मुताबिक नीतीश कुमार और शरद पवार जैसे नेता इस रैली को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी मोर्चेबंदी की तैयार करने की सलाह चौटाला को दी थी. ओमप्रकाश चौटाला अपनी मुहिम में कितना सफल होंगे, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन यह मंच विपक्षी एकता की जगह तीसरा मोर्चे जैसी कवायद साबित हो सकती है.
चौधरी देवीलाल की विरासत
चौधरी देवीलाल ने 1977 और 1989 में पूरे विपक्ष को एकजुट किया था.देवीलाल ने भी हरियाणा की धरती से ही एक बड़ी रैली करते हुए पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला था.आज बीजेपी विपक्ष की साझा सियासी दुश्मन बन गई है.देवीलाल ने 23 मार्च 1986 को जींद में एक ऐतिहासिक रैली की थी. इसके बाद चौधरी देवीलाल एक जननेता के रूप में उभरे थे.इस रैली के बाद 1987 के विधानसभा चुनाव में देवीलाल के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की सरकार बनी थी.
ओमप्रकाश चौटाला को मिली थी जेल की सजा
ओमप्रकाश चौटाला को जेबीटी भर्ती मामले में सजायाफ्ता हैं. उन्हें पिछले साल जुलाई में जेल से रिहाई मिली थी. दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2013 में उन्हें, उनके बेटे अजय चौटाला और तीन सरकारी अधिकारियों को शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई थी. जेल से रिहा होने के बाद ओमप्रकाश चौटाला लगातार सक्रिय हैं.
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