Pratap Singh Bajwa On Women Reservation Bill: पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी प्रस्तावित महिला आरक्षण विधेयक का श्रेय लेना चाहती है, इस तथ्य के बावजूद कि यह कांग्रेस ही थी, जिसने सबसे पहले इसका सपना देखा था.
बाजवा ने कहा कि बीजेपी को पता होना चाहिए कि महिला आरक्षण विधेयक कांग्रेस के दिमाग की उपज है. यह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने मई 1989 में ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. सितंबर 1989 में यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था.
'संशोधन विधेयक 72 और 73 को फिर से पेश किया'
प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि उस दौरान फिर से पीएम पीवी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक 72 और 73 को फिर से पेश किया, जिसमें ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए सभी सीटों और अध्यक्ष पदों का 33 प्रतिशत आरक्षित किया गया.
इस बार ये बिल दोनों सदनों से पास हो गए और कानून बन गए. विपक्षी नेता ने कहा कि लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाला महिला आरक्षण विधेयक यूपीए 1 के दौरान मनमोहन सिंह सरकार के तहत 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित किया गया था.
'अगले परिसीमन अभ्यास के बाद ही लागू होगा'
एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए, बाजवा ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगा, अगले परिसीमन अभ्यास के बाद ही लागू होगा जो 2026 के बाद आयोजित होने की उम्मीद है.
'हम काफी समय से इसके लिए तरस रहे थे'
बाजवा ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह सपना सच होने जैसा है. हम काफी समय से इसके लिए तरस रहे थे. यह न केवल कांग्रेस बल्कि यूपीए सहयोगियों की भी जीत है. कांग्रेस इस कदम का स्वागत करती है, हालांकि ऐसा लगता है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार श्रेय की भूखी हो गई है.
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