जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को सहकारी समिति घोटाला मामले में राहत देते हुए एडीजे अदालत के आदेशों पर बुधवार को रोक लगा दी. एडीजे ने अपने आदेश में मजिस्ट्रेट अदालत को निर्देश दिया था कि वह आपराधिक शिकायत को आगे की जांच के लिए विशेष अभियान समूह (एसओजी) के पास भेजे.
अदालत ने स्वीकार की आरोपियों की दलील
शिकायत में घोटाले के कथित आरोपी के रूप में शेखावत और अन्य को नामित किया गया और एसओजी से उनकी भूमिका की आगे जांच करने की मांग की गई थी. जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की एकल पीठ ने अंतरिम निर्देश पारित करते हुए केवल चंद डाकालिया द्वारा दायर आपराधिक विविध याचिका को भी स्वीकार किया. वह शेखावत के साथ सह-आरोपी हैं.
डाकालिया के वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि आरोपियों के खिलाफ विशिष्ट आरोप थे और निचली अदालत द्वारा आदेश पारित किए जाने पर उन पर सुनवाई की आवश्यकता थी. पीठ ने याचिका स्वीकार की और अंतरिम आदेश पारित किए.
884 करोड़ रुपये के घोटाले का है मामला
ये मामला राजस्थान की संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में हुए घोटाले से जुड़ा है, जिसमें सैकड़ों निवेशकों के 884 करोड़ रुपये लुट गए थे. इस मामले में शेखावत के साथ ही उनकी पत्नी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी. 2019 से ही एसओजी इसकी जांच कर रही है.
हाल ही में, राजस्थान के सियासी संकट के बीच 23 जुलाई को गहलोत सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे.
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