Ranthambore National Park: राजस्थान में जहां एक तरफ बाघों की संख्या बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. वहीं रणथंभौर में 12 साल के बाघ की मौत पर कई सवाल उठ रहे हैं. जिसपर अभी तक कोई खास वजह सामने नहीं आई है. दरअसल, दोपहर तीन बजे के करीब वन विभाग की टीम को बाघ टी-58 की डेडबॉडी हलूंदा गांव के पास मिली है.


जिसके बाद से वनविभाग में हलचल तेज है. उस समय तो यह कहा गया कि उसे हार्ट अटैक हुआ है. लेकिन, धीरे-धीरे इसकी कहानी बदलने लगी. बाद में उसके ब्लड सैंपल लिए गए और उसे प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी. राजबाग वन-वे नाके पर पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. दरअसल, बारिश में इनके पोचिंग (अवैध शिकार) का डर बना रहता है. इस मौत को उस नजरिये से भी देखा जा रहा है.






सुरक्षा को लेकर खड़े हुए सवाल


रणथंभौर में बाघों की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं, लेकिन, जिस तरीके से बाघों की मौत हुई है उससे सवाल खड़े होने लगे हैं. 12 साल के बाघ टी-58 की मौत भी संदिग्ध मानी जा रही है. करीब एक साल पहले एक बाघ के करंट से मरने की जानकारी मिली थी. बाघिन के 2 शावकों की भी मौत इसी वन क्षेत्र में हो चुकी है. अब फिर सवाल के घेरे में वन विभाग आ गया है.


क्या है पूरी कहानी ?


12 साल के बाघ टी-58 की उम्र 12 साल बताई जा रही है. जो बाघिन टी-26 का बेटा है. अब तीन महीने के लिए रणथंभौर में आम लोगों के सफारी बंद है. रणथंभौर में कुल 10 जोन है. बड़ी संख्या में भारत से लोग यहां पर सफारी करने और बाघों को देखने के लिए आते हैं. अब इस घटनाक्रम के बाद वन विभाग के सभी दावों पर सवाल उठ रहे हैं.


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