Rajasthan Culture: उदयपुर में आज से शुरू होगा 125 साल पुराना हरियाली अमावस्या मेला, जानिए क्या है इसकी खासियत
Rajasthan News: उदयपुर के लिए आज से दो दिन बेहद खास हैं क्योंकि यहां आज से दो दिन का 125 साल पुराने मेले की शुरुआत होने जा रही है. आज सभी का प्रवेश रहेगा तो कल सिर्फ महिलाओं की एंट्री रहेगी.
Fairs of Udaipur: उदयपुर के लिए आज से दो दिन बेहद खास हैं, क्योंकि यहां आज से 125 साल पुराने हरियाली अमावस्या मेले की शुरुआत हो रही है.शहर के बीच में लगने वाले इस विशाल मेले की एक खासियत यह है कि इसका एक दिन सिर्फ महिलाओं के लिए होता है. यह 18 जुलाई को होगा. सोमवार को सभी की एंट्री होगी.रात तक मेले के लिए 400 से ज्यादा दुकाने लग चुकी हैं. मेले में झूले भी लगे हैं.
इस मेले की खास बात यह है की तीन मुख्य पर्यटन स्थलों के मुख्य मार्ग पीआर लगता है जो शहर के बीच में है.वह पर्यटन स्थल सहेलियों को बाड़ी, सुखाड़िया सर्कल और फतहसागर झील.इस बार खास बात यह है कि पानी की अच्छी आवक के कारण फतहसागर झील के चारों गेट खुले हुए हैं. ऐसे में मेले में घूमने के दौरान खुले गेट से गिरते पानी की खूबसूरती देख पाएंगे.
आज आधे दिन को छुट्टी मिलेगी
मेला शहर की यूआईटी पुलिया से लेकर फतहापुरा चौराहे पीआर लगता है जो सुखाडिया सर्कल तक फैला रहता है.जिला कलेक्टर की तरफ से इस दिन आधे दिन का अवकाश घोषित किया गया है. 17 जुलाई को पहले दिन सभी के लिए मेले में एंट्री रहेगी और 18 जुलाई को सिर्फ महिलाओं को एंट्री रहेगी.इस मेले के पीछे महाराणाओं का इतिहास भी छुपा हुआ है.इसके साथ ही यह मेला भीड़ के कारण पुलिस की कड़ी सुरक्षा में होता है.साथ ही यातायात डायवर्जन किया गया है.
क्या है मेले का इतिहास
मान्यता है कि 1898 में हरियाली अमावस्या के दिन महाराणा फतह सिंह महारानी चावड़ी के साथ फतहसागर झील पहुंचे थे. यह वह झील है जिसे उदयपुर की धड़कन कहा जाता है. पहुंचने के बाद वह छलकते फतहसागर को देखकर बहुत खुश हुए. उन्होंने नगर में मेले के रूप में यहां पहली बार जश्न मनाया. तब चावड़ी रानी ने महाराणा से सिर्फ महिलाओं को मेले में जाने की बात कही थी.इस पर महाराणा ने मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए रखने की घोषणा करवाई थी.तब से पहले दिन महिला-पुरुष सहित सर्वसामान्य के लिए, जबकि दूसरे दिन सिर्फ महिलाओं के लिए यह मेला लगता है. इसी कारण शहरवासियों को भी सबसे ज्यादा खुशी फतहसागर के छलकने से होती है.
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