Rajasthan: लोंगेवाला में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले भैरो सिंह की तबीयत बिगड़ी, AIIMS में भर्ती
Rajasthan: साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान दुश्मन के सैनिकों व टैंकों को उड़ाने वाले बीएसएफ के जांबाज सैनिक भैरो सिंह की तबीयत बिगड़ गई है. वह पिछले सात दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती हैं.
Bhairon Singh Admitted to AIIMS: भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान साल 1971 में विश्व प्रसिद्ध लोंगेवाला की लड़ाई में अपनी बहादुरी के दम पर दुश्मन के सैनिकों व टैंकों पर काल बन टूट पड़ने वाले 120 जवानों में से एक बीएसएफ के जांबाज भैरो सिंह की अचानक तबीयत नासाज हो गई है. उन्हें सीने में दर्द व इंफेक्शन की शिकायत है और जिसके कारण वे पिछले सात दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती है. 80 साल के भैरो सिंह के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि इंफेक्शन कम होने में तीन से पांच दिन और लग सकते है. अब उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है. लोंगेवाला पर बनी फिल्म बॉर्डर में सुनील शेट्टी ने भैरोसिंह का किरदार निभाया था और फिल्म में उन्हें शहीद दर्शाया गया था.
भैरो सिंह के भर्ती होने की जानकारी मिलने पर एम्स प्रशासन ने उनका पूरा इलाज निशुल्क करने का फैसला किया है. एम्स की तरफ से कहा गया है कि यदि कुछ पैसे जमा कराए भी गए हैं तो वे वापस लौटा दिए जाएंगे. वहीं डॉक्टरों ने उनकी बेहतर देखभाल करने के लिए आईसीयू में शिफ्ट करने का फैसला किया है. जोधपुर जिले के सोलंकिया तला गांव निवासी भैरो सिंह साल 1987 में बीएसएफ से रिटायर्ड हुए थे. उनके पुत्र सवाई सिंह ने बताया कि सीने में दर्द व बुखार होने के बाद सात दिन पहले भैरो सिंह को यहां भर्ती कराया गया था. डॉक्टर लगातार उनकी जांच कर रहे हैं, डॉक्टरों का कहना है कि सीने में दर्द के साथ ही यूरिन इंफेक्शन है. उन्हें ठीक होने में तीन से पांच दिन और लग सकते हैं.
लोंगेवाला युद्ध में 120 जवानों ने लिया था टैंक रेजिमेंट से लोहा
साल 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान लोंगेवाला में 120 भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के दो हजार सैनिकों व टैंक रेजिमेंट को पूरी रात रोके रखा था. इस लड़ाई में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने किया था. इस टुकड़ी में बीएसएफ के जवान भैरो सिंह भी शामिल थे. उनकी गोलियों ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया था. लोंगेवाला को पाकिस्तानी टैंकों का कब्रगाह के नाम से भी जाना जाता है. अगले दिन सुबह एयर फोर्स के फाइटर्स ने पाकिस्तानी टैंकों पर जमकर बम बरसाए और चालीस से अधिक टैंक नष्ट कर दिए गए थे. बड़ी संख्या में अपने जवान गंवाकर शेष रहे पाकिस्तानी सैनिक भाग निकले थे. लोंगेवाला की लड़ाई को दुनिया के कई देशों की सेना में पढ़ाया जाता रहा है.