Rajasthan News: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. बैंक के इस फैसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सवाल उठाया है. एबीपी न्यूज को दिए एक खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि उसे ऐसा फैसला क्यों लेना पड़ा? इसके पीछे के रहस्य को सरकार को जनता को बताना चाहिए?
पिछली बार किसा था ब्लंडर
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने नोट जमा कराने के लिए समय सीमा देने को सही कदम बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इससे पहले ऐसा न करके बहुत बड़ी गलती की थी. वह एक बहुत बड़ा ब्लंडर था. उन्होंने कहा कि देश में पहले भी एक हजार के नोट बंद किए गए थे, लेकिन तब जनता को इस जमा कराने के लिए समय दिया गया था.
आरबीआई को देना होगा जवाब
बाजार में बहुत समय पहले से ही दो हजार के नोट गायब हो जाने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. लेकिन अगर दो हजार के नोट मार्केट से गायब हो गए थे तो यह जांच का विषय है. इसका जवाब आरबीआई को देना होगा. उसे इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए.
आरबीआई ने क्या कहा है?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि ये वैध मुद्रा बनी रहेगी. रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोट जारी करना बंद कर दें.आरबीआई ने बताया कि 30 सितंबर तक ये नोट वैध मुद्रा (सर्कुलेशन) में बने रहेंगे. यानि कि जिनके पास इस समय 2000 रुपये के नोट हैं, उन्हें बैंक से एक्सचेंज करना होगा.
बैंक खोलेंगे स्पेशल विंडो
आरबीआई ने कहा कि आप 23 मई से एक बार में 20 हजार रुपये तक के 2 हजार रुपये के नोट बदल या जमा कर सकते हैं. इसके लिए बैंकों को स्पेशल विंडो खोलना होगा. इसके अलावा आरबीआई नोट बदलने और जमा करने के लिए 19 शाखाएं खोलेगी. आरबीआई की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 2018-19 में ही दो हजार रुपये के नोटों को छापना हमने बंद कर दिया था. सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी कर 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे. बाद में 500 और 2000 हजार रुपये जारी किए गए थे.
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