Rajasthan News: राजस्थान में निजी अस्पताल के डॉक्टर स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक (Right to Health Bill) के खिलाफ पिछले  17 दिन से हड़ताल पर हैं. इससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई हैं. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि सरकार इस बिल को वापस ले तभी निजी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में मरीजों क इलाज शुरू करेंगे. शहर के 23 प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उनका कहना है कि वो सरकार की चिरंजीवी और राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) जैसी योजनाओं के तहत इलाज नहीं करेंगे. आज निजी अस्पताल के संचालकों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बैनर तले जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मण सिंह को ज्ञापन सौंपा. 


गौरतलब है कि पिछले 17 दिन से प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक राइट-टू-हेल्थ बिल के विरोध में हड़ताल पर हैं. प्राइवेट अस्पताल में किसी भी तरह का इलाज नहीं किया जा रहा है. लोगों में भी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर नाराजगी है. लोगों का कहना है की सरकार  ने जो बिल पास किया है अच्छा है. लोग डॉक्टरों की हड़ताल को गलत बता रहे हैं. 


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपा ज्ञापन 


शहर के 23 प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी लक्ष्मण सिंह को सौंपा. उन्होंने बताया कि अब निजी अस्पताल सरकार की ओर से संचालित चिरंजीवी और राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) जैसी योजनाओं के तहत इलाज नहीं करेंगे. 


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भरतपुर के जिलाध्यक्ष डॉक्टर कमलेश शर्मा ने बताया कि सरकार की ओर से उनकी मांगों को पूरा नहीं करने के कारण 23 निजी अस्पतालों ने सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य का अधिकार बिल डॉक्टरों और जनता के पक्ष में नहीं है. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन देकर हमने अपने अस्पतालों में सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.


सरकारी योजनाएं निजी अस्पतालों में नहीं


मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.लक्ष्मण सिंह ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि 23 निजी अस्पताल राज्य सरकार की योजनाओं को अपने अस्पतालों में लागू नहीं करेंगे. इन प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने  23 निजी अस्पतालों की सूची उपलब्ध कराई है,जो सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का पालन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ज्ञापन वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा.


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