Rajasthan News: राजस्थान में 25 हजार आंगनवाड़ी केंद्र बनेंगे नंदघर, अनिल अग्रवाल फाउंजेशन और महिला बाल विकास के बीच हुआ एमओयू
राजस्थान में 750 करोड़ रुपये की लागत से 30 जिलों की 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का मॉर्डनाइजेशन किया जाएगा. इसकी जानकारी सीएम अशोक गहलोत ने दी.
Rajasthan News: राजस्थान के 30 जिलों की 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को 750 करोड़ रुपए की लागत से मॉर्डन बनाने के लिए एक एमओयू (MoU) हस्ताक्षर किए गए हैं. इसकी जानकारी सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ट्वीट के जरिए दी. सभी आंगनवाड़ियों जल्दी ही नंदघर (Nandghar) बन जाएंगी. इनके मॉर्डनाइजेशन के लिए अनिल अग्रवाल फाउंडेशन आने वाले 3 सालों में 750 करोड़ रुपए खर्च करेगा. इसमें प्रति आंगनवाड़ी 3 लाख रुपए खर्च किये जाएंगे. सीएम अशोक गहलोत की मौजूदगी में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने एमओयू साइन हुआ.
नंदघर के रूप में विकसित किए जाएंगे आंगनवाड़ी
वेदांता समूह की नॉन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल ने बताया कि आंगनबाड़ी को नंदघर के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां आने वाले बच्चों को पोषित, शिक्षित करेंगे और महिलाओं का आत्मनिर्भर बनाएंगे. अभी फाउंडेशन 3 हजार नंदघर संचालित कर रहा है. मेरे पिता, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के चेयरमेन अनिल अग्रवाल ने बचपन में गरीबी देखी है और भूख को नजदीक से महसूस किया है. उनका विजन है कि कोई बच्चा भूखा नहीं सोए.
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के पीछे सोच यह है कि नंदघर की तरह पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा व महिलाओं की स्कील को सशक्त करेंगे. अभी राजस्थान में 1300 नंदघर विकसित हैं, इनमें 52,000 बच्चे और 39,000 महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी जानकारी
राज्य के 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर के रूप में विकसित करने हेतु वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के साथ एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित किया. फाउंडेशन करीब 750 करोड़ रूपये (प्रति आंगनबाड़ी 3 लाख रूपये) व्यय कर 25 हजार नंद घर विकसित करेगा.
बच्चे हमारे देश की वह पौध हैं जिनको बेहतर पोषण, अच्छी शिक्षा, सुसंस्कार देकर हम उत्कृष्ट मानव संसाधन के रूप में तैयार कर सकते हैं. आंगनबाडी केंद्र इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं. हमारा लक्ष्य हो राज्य के आंगनबाड़ी केंद्र सभी मूलभूत सुविधा से युक्त नंदघर के रूप में विकसित हों.
अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों का नंदघर के रूप में विकसित होना एक बड़ा कदम है. इससे इन केंद्रों के बुनियादी ढांचे में सुधार होने, इनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी. इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर को और कम करने में भी मदद मिलेगी.
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