Independence Day 2022: देश की आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशी में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है. देश को आजादी दिलाने में हजारों लोगों का योगदान रहा है. राष्ट्र को अंग्रेजों से मुक्त कराने में कई देश भक्तों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया तो कई ऐसे हुए जिन्होंने अपना सब कुछ स्वतंत्रता के लिए न्यौछावर कर दिया. ऐसे ही एक राष्ट्र भक्त राजस्थान (Rajasthan) के अत्तर मोहम्मद (Attar Mohammed) थे.


ब्यावर में रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अत्तर मोहम्मद आजादी की लड़ाई लड़ते हुए जेल गए. उस वक्त जब जेल में थे, तब उनके निकाह की तारीख आ गई. घरवालों ने उन्हें निकाह के लिए कुछ वक्त रिहा करने की गुजारिश की, लेकिन अत्तर राजी नहीं हुए. उन्हें राष्ट्र से इतन प्रेम हो गया कि उन्होंने यह कहकर निकाह से इनकार कर दिया था कि 'अब शादी करूंगा तो सिर्फ आजादी से.' रिहाई के बाद अत्तर मोहम्मद अपने हाथ में हर वक्त तिरंगा लेकर घूमते थे.


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जेल गए, फिर लौटकर नहीं आए मौलाना अत्तर मोहम्मद


ब्यावर में ही रहीम बख्श स्वतंत्रता सेनानी थे. आजादी की जंग लड़ते हुए साल 1942 में वे भी जेल गए. उन्हें जयनारायण व्यास, मौलाना अत्तर मोहमद, महिमा देवी किंकर, हरी भाई किंकर, राधाकृष्ण बोहरा के साथ जोधपुर जेल ले जाया गया. इसके बाद वे कभी लौटकर नहीं आए. घरवालों ने कई शहरों में जाकर तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. आपको बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव पर अभियान चल रहा है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने-अपने घर पर तिरंगा लगाने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर की डीपी में भी तिरंगे की तस्वीर लगा ली थी.


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