अनुकंपा नौकरी की मांग को लेकर 'अर्ध भू समाधि' का 7वां दिन, 4 युवक भूख हड़ताल पर, कही ये बात
Bharatpur News: भरतपुर में एक युवक अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर अर्ध समाधि लेकर पिछले सात दिनों से बैठा हुआ है. अब उसके समर्थन में 4 युवक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.
Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले के ट्रैफिक चौराहे के पास महाराजा सूरजमल प्रतिमा के पास अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर युवक ने अर्ध समाधि ले रखी है. युवक को अर्ध समाधि लिए हुए आज 7 वां दिन है. वहीं अर्ध समाधि लेने वाले युवक के समर्थन में 4 युवकों ने भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. भूख हड़ताल शुरू करने से पहले महाराजा सूरजमल की प्रतिमा के पास सरकार को सदबुद्धि के लिए यज्ञ किया गया.
3 साल से अनुकम्पा नौकरी के लिए भटक रहा है युवक
बता दें कि डीग जिले के पेंघोर निवासी जवाहर सिंह सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. उनकी 1999 में मृत्यु हो गई. उस समय उनके बेटे राधेश्याम उर्फ़ गौरव की उम्र तीन माह की थी. बालिग होने के बाद राधेश्याम उर्फ गौरव ने अनुकम्पा नौकरी के लिए CRPF में लिए आवेदन किया तो उसे मेडिकल में अनफिट होने पर बाहर कर दिया गया. CRPF ने मानवीय आधार पर नौकरी देने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था. राधेश्याम उर्फ गौरव का कहना है कि वह लगभग 3 साल से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए भटक रहा है लेकिन उसकी कोई भी नहीं सुन रहा. राधेश्याम पहले भी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गया था.
युवक के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे 4 युवक
सोमवार को अनशन स्थल पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया गया. इसके बाद विष्णु निवासी खेमरा, तपन शर्मा निवासी भरतपुर, रजत पूनिया निवासी भरतपुर और नरेश फौजदार निवासी डीग चार युवक राधेश्याम उर्फ गौरव के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक गौरव की मांग पूरी नहीं होगी वो भूख हड़ताल पर भी रहेंगे.
भरतपुर सांसद भी पहुंची थी अर्ध समाधि स्थल
भरतपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद संजना जाटव भी 14 जून को राधेश्याम उर्फ़ गौरव से मिलने पहुंची थी. उन्होंने गौरव को आश्वासन देते हुए कहा था कि वो उनकी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को संसद में उठाएगी.
मामले पर क्या कहता है प्रशासन?
जिला प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी कर कहा गया है कि युवक राधेश्याम का पैतृक गांव पैंघोर है. जो डीग जिले में आता है. डीग जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीरज कुमार मीणा ने बताया कि राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिए जाने के कारण केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा राधेश्याम को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती. राधेश्याम की नौकरी के लिए सभी प्रक्रिया डीग जिले से की जा रही है.
जिला कलेक्टर ने ये बताई नौकरी न देने की वजह
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि 114 बटालियन द्रुत कार्य बल जालंधर ने 10 अप्रैल 2021 अपने पत्र में अवगत करवाया गया था कि राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में डी.एण्ड एम कोर्स करने हेतु नामित किए गए थे. उक्त कोर्स 8 नवम्बर 1999 से सी.टी.सी. प्रथम के केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल नीमच में चलाया जाना था. कार्मिक को उक्त कोर्स में भेजने से पूर्व चिकित्सा जांच में ठीक पाया गया. परन्तु 3 नवम्बर 1999 को सी.टी.सी. प्रथम नीचम में जाते समय रास्ते में तेज बुखार होने पर जवाहर सिंह ने अपने परिवारजनों को सूचना दी. ऐसी स्थिति में जवाहर सिंह द्वारा आगे की यात्रा मुनासिब नहीं समझकर 6 नवम्बर 1999 को अपने घर पहुंच गए. इसके बाद जवाहर सिंह की तबीयत और ज्यादा खराब होने पर उनके परिजनों ने 7 नवम्बर 1999 को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया.
जवाहर सिंह के आश्रित बेटे राधेश्याम उर्फ गौरव द्वारा पिता के स्थान पर नियुक्ति दिए जाने हेतु 01 फरवरी 2021 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था. नियमानुसार प्रार्थी के आवेदन पत्र के साथ पिता के शहीद होने सम्बन्धी दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण नियुक्ति प्रदान नहीं की गई. जवाहर सिंह की मृत्यु तेज बुखार होने से घर पर होने के कारण शहीद की श्रेणी और अन्य घटना में नहीं आने के कारण राधेश्याम उर्फ गौरव को कार्मिक (क-2) विभाग राजस्थान जयपुर की अधिसूचना 1 अक्टूबर 2002 एवं 7 दिसम्बर 2022 के तहत आश्रित के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है.
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