Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. वहीं संगठन को पूरी तरह से मजबूत करने के लिए शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष को शपथ दिलाई गई और साथ ही साथ प्रदेश की कार्यकारणी भी तैयार हो गई. इसमें लोकसभा, जिला स्तरीय कार्यकारिणी सदस्यों का शपथ ग्रहण भी हुआ. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि हम प्रदेश स्तरीय संगठन बनाने का काम शुरू कर चुके हैं. आज राज्य, लोकसभा और जिला स्तरीय 231 कार्यकारिणी सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ. 


पाठक ने बताया कि इसके बाद हम 15 दिनों बाद ब्लॉक स्तरीय संगठन का भी गठन करेंगे. उसके बाद सर्कल लेवल, गांव और वार्ड तक जाएंगे. ब्लॉक के बाद हम हर गांव में 11 सदस्यीय कमेटी बनाएंगे लेकिन हम बूथ लेवल का मैनेजमेंट और रणनीति को किसी से साझा नहीं करते. कुछ लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि हमारा संगठन ऐसा भी बन सकता है. हम जमीनी स्तर पर काम करते हैं, इसीलिए होम वर्क करके एक साथ इतनी बड़ी कार्यकारिणी का गठन किया है.


कांग्रेस और बीजेपी पर बोला हमला 
राज्य सभा सांसद संदीप पाठक ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी कहती है कि हमारा संगठन सबसे मज़बूत है, BJP में पन्ना प्रमुख से लेकर के ऊपर तक का संगठन है, लेकिन इनके पन्ना प्रमुख केवल पन्नों पर ही रह गए हैं. वास्तविक रूप से संगठन में कोई दम नहीं है. जबकि कांग्रेस में कोई कैडर नहीं होता. कांग्रेस पार्टी की पहचान केवल एक-दो नेताओं तक सीमित होती है और वो भी आपस में लड़ते रहते हैं. इनकी लड़ाई से जनता तंग आ चुकी है. 


'अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे एक' 
वहीं पाठक ने कहा, "अशोक गहलोत को अपनी पार्टी के नेता ही स्वीकार नहीं करते, जबकि बीजेपी में वसुंधरा राजे अपना वर्चस्व खो रही हैं और लोग कहते हैं कि वसुंधरा और गहलोत आपस में मिले हुए हैं. वसुंधरा राजे का एक ही मकसद है कि गहलोत सरकार नहीं गिरनी चाहिए. इन दोनों की गठबंधन की राजनीति से जनता त्रस्त हो गई है, इसलिए राजस्थान में आम आदमी पार्टी विकल्प के तौर पर राजस्थान में दोनों पार्टियों को चुनौती देगी." 


राइट टू हेल्थ बिल को लेकर रखा पक्ष 
राइट टू हेल्थ के बारे में संदीप पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति स्वास्थ्य और शिक्षा पर आधारित है. दिल्ली में हमने स्वास्थ्य और शिक्षा में क्रान्तिकारी काम किया है. हम राइट टू हेल्थ के पक्ष में हैं, लेकिन जो डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं उनके मुद्दों पर भी सरकार को विचार करना चाहिए. सरकार से हमारी मांग है कि ज्यादा से ज्यादा अस्पताल खोलें. हम ईमानदार राजनीति देना चाहते हैं, देश में अच्छे लोगों की कमी नहीं है.


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