Rajasthan Politics: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब शांति छंटने लगी है. पार्टी अब नई सियासी पटकथा लिखने की तैयारी कर रही है. दरअसल, मौका नया है. संगरिया के नए विधायक अभिमन्यू पूनियां को यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है. अभिमन्यू, सचिन पायलट गुट के हैं. जानकारी के अनुसार उन्हें इसबार टिकट भी सचिन पायलट की वजह से मिला था. बड़े वोटों के अंतर से चुनाव जीतने के बाद अभिमन्यू ने दिल्ली का रुख कर लिया था. 


दिल्ली में उन्होंने सभी दिग्गज नेताओं से मुलाकात की. आठ महीने से रुके हुए अध्यक्ष पद के परिणाम को घोषित करते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें राजस्थान यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. उसके बाद से सचिन पायलट के समर्थक कांग्रेसी नेता जोश में हैं. सोशल मीडिया पर बधाइयों का सिलसिला लगातार चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ अशोक गहलोत के खेमे में खामोशी है. उनके ज्यादातर मुखर नेता चुनाव हार गए हैं. 


सलाहकारों और समर्थकों की बड़ी हार 


अशोक गहलोत के सलाहकार रहे बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा, राजकुमार शर्मा और निरंजन आर्या की करारी हार हुई है. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनाव में हार मिली है. दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने चुनाव ही नहीं लड़ा था. आलोक बेनीवाल, कृष्णा पूनियां ये सभी हार गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को जीत मिली है. मगर, वो भी अभी 'शांत' हैं और राजनीतिक हलचल पर नजर गड़ाए हुए हैं. ऐसे में दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने कई बड़े खुलासे किए हैं. हार के कई कारण भी गिना दिए हैं. इसलिए गहलोत खेमे में खामोशी का दौर चल रहा है. 


पायलट खेमे में जीत और जोश दोनों 


सचिन पायलट के खेमें में जीत और जोश दोनों है. क्योंकि, सचिन पायलट के सबसे खास मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, अभिमन्यू पूनियां, विकास चौधरी, प्रशांत शर्मा, मनीष यादव, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला, मुरारी मीणा चुनाव जीत कर आ गए हैं. सचिन के वो खास विधायक हैं जो गहलोत सरकार में ज्यादा चर्चा में रहे. इनमें से कुछ चुनाव भी हार गए थे. मगर, इस बार इन सबकी बड़े वोटों के अंतर से जीत हुई है. इसलिए सचिन के खेमे में जोश है. राजस्थान में अब सचिन को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठने लगी है. 


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