Rajasthan Elections 2023: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की बैठक के बाद राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की खींचतान खत्म होती लग रही है और दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई. कांग्रेस का अंदरुनी कलह दूसरी राजनीतिक पार्टियों के लिए एक अवसर की तरह था लेकिन अब स्थिति अलग है. क्या सीएम गहलोत और सचिन पायलट की यह 'दोस्ती' कांग्रेस के लिए मास्टरस्ट्रोक (Master Stroke) साबित होगी? क्या कहती है राजस्थान की जनता, यही जानने की कोशिश एबीपी न्यूज ने अपने सर्वे में की है.
राजस्थान में कराए गए सर्वे में 45 फीसदी लोगों ने माना है कि सीएम गहलोत और पायलट के साथ आना, उनकी दोस्ती कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक है जबकि 35 फीसदी को ऐसा कुछ नजर नहीं आता. वहीं, 20 प्रतिशत लोगों ने अपना जवाब 'पता नहीं' में दिया है.
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के लिए बीजेपी से ज्यादा चुनौती अंदरुनी कलह से मिल रही थी जब वसुंधरा राजे के कार्य़काल के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. यहां तक कि वह एक दिन के अनशन पर भी बैठ गए थे और अजमेर से जयपुर तक की पांच दिवसीय पदयात्रा तक निकाल दी थी. चुनाव में इससे होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए कांग्रेस ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाकर बैठक की और इसके बाद बैठक से यह बात निकलकर सामने आई कि चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ा जाएगा.
25 जुलाई तक कराया गया सर्वे
ABP न्यूज़ के लिए सी वोटर ने राजस्थान के चुनाव का पहला सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है. इस सर्वे में 14 हजार 85 लोगों से बात की गई है . इसके साथ ही राजस्थान की राजनीति के मौजूदा मुद्दों पर त्वरित सर्वे भी किया गया है. जिसमें 1 हजार 885 लोगों की राय ली गई है. सर्वे 25 जुलाई तक किया गया है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.
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