Jodhpur News: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) शुक्रवार को एक दिन के दौरे पर बाड़मेर पहुंचे. वहां वो कई कार्यक्रमों में शामिल हुए.इस दौरान उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में वॉयस सैंपल लिए जाने की मांग को लेकर एसीबी की याचिका खारिज होने पर प्रतिक्रिया दी.उन्होंने कहा कि एसीबी में चल रहे मामले में उनका वॉयस सैंपल कभी नहीं लिया गया.पहले ट्रायल कोर्ट ने वॉयस सैंपल की याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि न्यायालय को यंत्र बनाकर अभियोजन अपने अंतर्मन की पूर्ति करना चाहता है.उन्होंने कहा कि एक साल की शांति के बाद सरकार ने पता नहीं किसके दबाव में सेशन कोर्ट में अपील की.लेकिन सेशन कोर्ट ने भी अपील खारिज हो गई है.अदालत के इस फैसले से राजस्थान के चुनावी साल में शेखावत को बड़ी राहत मिली है.
सेशन कोर्ट में सुनवाई
जयपुर के एडीशनल सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को शेखावत का वॉयस सैंपल देने की एसीबी की रिवीजन याचिका खारिज कर दी. इससे पहले निचली अदालत ने भी गजेंद्र सिंह शेखावत के ऑडियो के मामले में वॉयस सैंपल देने की एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था.सुनवाई में एसीबी के अधिवक्ता संत कुमार ने कहा की निचली अदालत ने गलत तरीके से एसीबी की याचिका खारिज की. उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने जिस आधार पर वॉयस सैंपल लेने के लिए एसीबी की याचिका खारिज की वह प्रावधान ब्लड सैंपल और हैंड राइटिंग के सैंपल लेने के लिए है. यह मामला वॉयस सैंपल लेने का है.जांच एजंसी गिरफ्तार किए बिना भी वॉयस सैंपल ले सकती है.
वहीं शेखावत के वकील विवेक राज बाजवा ने कहा कि एसीबी के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि वह केंद्रीय मंत्री शेखावत को गिरफ्तार करे और कानूनन बिना गिरफ्तारी के वॉयस सैंपल नहीं ले सकते हैं.उन्होंने कहा कि निचली अदालत के प्रकरण में यह अंतरिम आदेश था.इस आदेश के खिलाफ सीधे हाईकोर्ट में अपराधिक याचिका पेश की जानी चाहिए थी.इसलिए रिवीजन याचिका को नहीं सुन सकता.
क्या है पूरा मामला
यह मामला कांग्रेस नेता सचिन पायलट की जुलाई 2020 में बगावत से जुड़ा है. उस समय वो अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर के एक होटल में चले गए थे. इससे राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार संकट में आ गई थी.सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में ऑडियो क्लिप सामने आई थी.ऑडियो में दावा किया गया था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत की जा रही थी.इस ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संजय जैन की आवाज होने का दावा किया गया था.
इस ऑडियो क्लिप के आधार पर पहले एसओजी ने मामला दर्ज किया था. बाद में एसओजी ने एफआर पेश की थी.वहीं दूसरे मामले में एसीबी ने संजय जैन,दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मामला दर्ज किया था.एसीबी ने संजय जैन को गिरफ्तार भी किया था.इसके बाद निचली अदालत ने एसीबी को संजय जैन का वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दी थी. लेकिन संजय जैन ने सैंपल देने से मना कर दिया था. वहीं निचली अदालत ने गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज का सैंपल लेने के लिए एसीबी ने अदालत का रुख किया था. लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई थी. विधायक भंवरलाल शर्मा का अब देहांत हो चुका है.
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