Rajasthan Politics: आचार्य प्रमोद कृष्णम की सलाह- 'बड़ा दिल दिखाएं, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें अशोक गहलोत'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं, अडानी के इशारे पर राहुल गांधी जी की पदयात्रा में पलिता लगाने का काम ना करें.'
Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के खेमे में फूट पैदा हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गहमा-गहमी के बाद अब आचार्य प्रमोद का बयान सामने आया है. आचार्य प्रमोद ने अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग कर दी है. बता दें कि अशोक गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट ने उनपर जमकर निशाना साधा था.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, 'अशोक गहलोत का बयान सचिन पायलट के खिलाफ नहीं है कांग्रेस लीडरशीप के खिलाफ नहीं है, कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ है. मैं माननीय अशोक गहलोत जी से निवेदन करना चाहता हूं कि बड़ा दिल दिखाते हुए कुर्सी छोड़ दें. त्याग पत्र दे दें. वो तो कहते ही थे कि मेरा त्याग पत्र कांग्रेस नेतृत्व के पास रखा हुआ है. आज वक्त आ गया है कांग्रेस को मजबूत करने का तो कांग्रेस को मजबूत करें. थोड़ा बड़ा दिल दिखाएं.'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं, अडानी के इशारे पर राहुल गांधी जी की पदयात्रा में पलिता लगाने का काम ना करें. राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला कांग्रेस नेतृत्व मिलकर तय कर लेंगे.
सीएम गहलोत ने कही ये बात
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि सचिन पायलट को सीएम बनाने के सवाल पूछने पर बोले की जिसकी वजह से 34 दिन हमारी पार्टी होटल में बैठी रही, जिसके षड्यंत्र पर सरकार को गिराने की कोशिश की थी, उसमें अमित शाह भी शामिल थे. जब उनसे सवाल किया गया कि फिर भी आलाकमान सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहे तो सीएम गहलोत ने कहा कि कैसे बना सकते हैं. जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने गद्दारी की हो, जिसको गद्दार नाम दिया हो, उसको कोई भी विधायक स्वीकार नहीं करेंगे.
सीएम गहलोत ने कहा कि मैं भी स्वीकार नहीं करूंगा क्योंकि मैं भी भुगत चुका हूं. मैंने 34 दिन होटल में गुजारे हैं. सभी विधायकों ने मेरा साथ दिया. जिनकी बदौलत आज राजस्थान मैं कांग्रेस की सरकार है. मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं.बता दें कि 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत करके होटल मानेसर में जाकर बैठ गए थे. उस दौरान राजस्थान सरकार अल्पमत में चली गई थी. उस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को नाकारा निकम्मा कहा था और अब सचिन पायलट को गद्दार कहा है.