Rajasthan: 'हाई कमान को ब्लैकमेल करने वालों को झटका लगा', अजय माकन की चिट्ठी पर बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम
राजस्थान कांग्रेस में मचा बवाल अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच खींचतान ने कांग्रेस आलाकमान को चिंता में डाल दिया है.
Rajasthan News: अजय माकन (Ajay Maken) ने राजस्थान के प्रभारी पद से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) को पत्र लिखकर इच्छा जताई है. पत्र के बाद राजस्थान से दिल्ली तक कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन अब प्रियंका गांधी के खास आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने ट्वीट कर नई बहस को जन्म दे दिया है. गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस में मचा बवाल अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच खींचतान ने कांग्रेस आलाकमान को चिंता में डाल दिया है.
प्रियंका के खास ने दिया नई बहस को जन्म
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट किया है 'राजस्थान के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन का इस्तीफ़ा उन सभी नेताओं के लिये एक बड़ा सबक़ है जो अपनी कुर्सी बचाने के लिये पार्टी हाई कमान को “ब्लैकमेल” और “बेइज़्ज़त” करते है.'
कृष्णम ने सीपी जोशी से की थी मुलाक़ात
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले दिनों राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मुलाकात की थी. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुलाकात को सकारात्मक बताया था. उन्होंने राजस्थान कांग्रेस में सियासी उथल पर आलाकमान के नजर होने और बहुत जल्दी बड़े फैसले लेने की बात कही थी. अब उसी कड़ी में पहली शुरुआत है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जोर देते हुए कहा था कि गुजरात और हिमाचल के चुनाव परिणाम से पहले ही राजस्थान में बदलाव हो सकते हैं. फैसला लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मन बना लिया है. आलाकमान के फैसले की जानकारी जल्द सामने होगी. राजस्थान की जनता के हितों और मन की बात को भी समझने का प्रयास जारी है. आचार्य ने आगे बताया था कि वर्ष 2023 में कांग्रेस की सरकार में दोबारा वापसी के लिए विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत और मंत्रणा की गई है. अब अजय माकन के इस्तीफे को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजस्थान कांग्रेस में थम नहीं रही बगावत
आचार्य प्रमोद कृष्णम के जयपुर से जाने के बाद जस्थान की राजनीति में खुलकर बगावत दिखाई दे रही है. आये दिन कोई न कोई सरकार का मंत्री ही अशोक गहलोत के खिलाफ बोल रहा है. अशोक गहलोत को समर्थन करने वाले विधायक भी बगावत की राह पर दिखाई दे रहे हैं. तो क्या आचार्य प्रमोद कृष्णम के दौरे का साइड इफेक्ट है ?