Rajasthan: जोधपुर के MDM अस्पताल में युवक की मौत मामले में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर एक्शन, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने दिए ये निर्देश
Jodhpur News:जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में बिजली कट की वजह से ट्रॉमा सेंटर में वेंटीलेटर बंद हो गया जिससे 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई. मामले को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल में पहुंचे.
Rajasthan News: राजस्थान में जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल (MDM Hospital) में बिजली कट होने के चलते ट्रॉमा सेंटर के वेंटीलेटर पर 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई. जिसको लेकर मृतक के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व लाइट बेकअप नहीं होने का आरोप लगाया था. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एमडीएम अस्पताल के अध्यक्ष ने एक जांच कमेटी बनाई. जिसके बाद 3 लोगों पर एक्शन हुआ है. CMHO डॉ. कुलदीप, नर्सिंग स्टाफ ओमाराम व मनीषा को जांच तक के लिए एपीओ करने के आदेश दिए गए हैं.
घटना के बाद अस्पताल पहुंचे चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री
मामले को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को मथुरादास माथुर अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक कर चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा की. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इसके साथ ही चिकित्सा मंत्री अस्पताल के ट्रामा सैंटर में हुई घटना को लेकर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल और अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित से जानकारी ली. उन्होंने घटना के दौरान प्रयोग में लिए जा रहे वेंटीलेटर के बैकअप के फेलियर को लेकर संबंधित कंपनी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने को कहा.
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को दिए निर्देश
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में अस्पताल की मूलभूत व्यवस्थाओं, चिकित्सकीय सुविधाओं, आधुनिक तकनीक की मशीनों की स्थिति एवं उपयोगिता, एंबुलेंस, चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ की उपलब्धता आदि की जानकारी ली. उन्होंने चिकित्सालय की साफ-सफाई को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. बैठक में अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट, खान-पान व्यवस्था, बायो मेडिकल वेस्ट संबंधी अन्य मुख्य बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर चिकित्सकों से सुझाव आमंत्रित किए और इनसे संबंधित बेहतर व्यवस्थाओं पर जोर दिया. खींवसर ने महिलाओं विशेषकर ग्रामीण महिलाओं को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमें सामूहिक रूप से अपनी सहभागिता निभाते हुए सीएचसी एवं पीएचसी पर समुचित चिकित्सक व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी. इस दौरान महिला चिकित्सकों से भी इस संबंध में सुझाव लिए गए.
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