Rajasthan Politics: जयपुर की महापौर, उनके पति और पार्षदों पर SC-ST एक्ट में केस, अतिरिक्त आयुक्त ने लगाए ये आरोप
Rajasthan News:पिछले दिनों हैरिटेज नगर निगम में काफी हंगामा हुआ. अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा और मेयर, पार्षदों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. इसी विवाद में यह मामला दर्ज कराया गया है.
Jaipur News: जयपुर नगर निगम हैरिटेज में महापौर, पार्षदों और अतिरिक्त आयुक्त के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. मेयर और पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया था. इस बीच अतिरिक्त आयुक्त वर्मा ने जयपुर के माणक चौक थाने में मेयर, उनके पति और पार्षदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं.
क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों हैरिटेज नगर निगम में काफी हंगामा हुआ. अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा और मेयर, पार्षदों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. महिला मेयर मुनेश गुर्जर और कई पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा पर जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इसके खिलाफ धरना भी दिया था. उनका यह धरना निगम मुख्यालय में तीन दिन तीन रात तक चला था. उनकी मांग थी कि अतिरिक्त आयुक्त के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सरकार पर इस धरने का कोई असर नहीं हुआ. उसने वर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
इसी बीच अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा का प्रमोशन हो गया. वे आईएएस बन गए. पार्षद और महापौर चाहते थे कि राजेन्द्र वर्मा बीट टेंडर पत्रावली पर हस्ताक्षर करें लेकिन वर्मा ने इससे इनकार कर दिया.
अतिरिक्त आयुक्त ने क्या आरोप लगाए हैं
आईएएस राजेंद्र कुमार वर्मा की ओर से माणक चौक थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में महापौर मुनेश गुर्जर, उनके पति सुशील गुर्जर और 10 से अधिक पार्षदों पर बंधक बनाने और राजकीय काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है. वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि 16 जून को वे अपने चैंबर में थे. इस दौरान कई पार्षद उनके चैंबर में आए और उन्हें जबरन महापौर के चैंबर में ले गए. वहां महापौर और पार्षदों ने उन्हें बंधक बना लिया. उन्हें करीब तीन घंटे तक जबरन चैंबर में बैठाकर रखा गया. इस दौरान उन पर पत्रावली पर दस्तखत करने का दबाव बनाया गया.
वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि देर शाम को मंत्री महेश जोशी के आने के बाद पुलिस सुरक्षा में उन्हें महापौर के चैंबर से बाहर निकाला गया. वर्मा ने मेयर, उनके पति और पार्षदों पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है. ऐसे में आरोपियों पर एससी-एससी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं मामले की जांच एसीपी को सौंपी गई है.
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