Rajasthan News in Hindi: कोचिंग नगरी कोटा में अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को रविवार को परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्देश दिया है. हालांकि यह निर्देश पहले ही जारी कर दिया गया था, लेकिन राजस्थान के शिक्षा केंद्र में पिछले आठ महीनों में 20 आत्महत्याओं के बाद इसे सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है.कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान चिंता जताई. उन्होंने कहा,"बच्चों पर दबाव न डालें, उन्हें वही बनने दें जो वे बनना चाहते हैं."


अधिकारियों ने दिए ये निर्देश


कोटा में शनिवार को कलेक्टर ओपी बुनकर की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति की बैठक हुई. इसमें कई पुलिस अधिकारी, कोचिंग संस्थान और हॉस्टल संचालक मौजूद थे. जिला कलेक्टर ने कहा कि बच्चे कोचिंग सेंटरों और अपने हॉस्टल के कमरों में लगातार पढ़ाई करते हैं. उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिलता. रविवार की छुट्टी को लेकर पहले भी निर्देश जारी किए गए थे. बुनकर ने शनिवार को बैठक के दौरान कोचिंग सेंटर संचालकों से कहा कि रविवार को कोई टेस्ट नहीं होगा. इसके अलावा, कोचिंग सेंटरों को हर हफ्ते प्रेरक सत्र आयोजित करने के लिए भी कहा गया है. हॉस्टल संचालकों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है.


पंखों में लगाए जाएंगे सुरक्षा उपकरण


अधिकारियों ने कहा कि फांसी लगाकर आत्महत्या के मामलों में पंखे में सुरक्षा उपकरण लगाया जाना चाहिए. बुनकर ने कहा, "अगर यह डिवाइस सभी हॉस्टल और पीजी में लगा दी जाए तो काफी हद तक बच्चों की जान बचाई जा सकती है." बैठक में उन्होंने अधिकारियों से इसके तत्काल क्रियान्वयन के लिए अलग से आदेश जारी करने को कहा. कलेक्टर ने यह भी कहा कि बच्चों का मनोविज्ञान परीक्षण होगा, ताकि उनकी मानसिक स्थिति का पता चल सके. कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ-साथ हॉस्टल और पीजी मालिकों को भी हर 15 दिन में यह टेस्ट कराना होगा. इस टेस्ट में यदि कोई संदिग्ध मामला आता है तो उसे चिह्नित किया जाएगा. उनके परिजनों को बुलाकर विशेषज्ञों के माध्यम से काउंसलिंग कराई जाएगी. 


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