Rajasthan Advocates Strike: राजस्थान में 12 दिनों से जारी है वकीलों की हड़ताल, अदालती कामकाज पर असर
Advocates Strike in Rajasthan: हड़ताल होने की वजह से फरियादियों की परेशानी बढ़ गई है. हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट में परिवादी खुद पैरवी कर रहे हैं. परिवादियों को अदालती कामकाज की जानकारी नहीं है.
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Rajasthan News: जोधपुर में अधिवक्ता हत्याकांड के खिलाफ अधिवक्ताओं की हड़ताल पिछले 12 दिनों से जारी है. प्रदेश भर के अधिवक्ता राजस्थान सरकार से प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. हड़ताल का असर अदालती कामकाज पर पड़ा है. हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट में परिवादी खुद पैरवी कर रहे हैं. परिवादी के सगे संबंधी को पैरवी करने का मौका दिया जा रहा है. राजस्थान हाई कोर्ट में भारी भीड़ जुट रही है.
बोयल से आए परिवादी के रिश्तेदार हाजी खान ने बताया कि भतीजा जेल में है. उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. इसलिए बड़े भाई के साथ जोधपुर आया हूं. सुबह 8:00 बजे से गेट पर पास बनवाने के लिए खड़ा था. लंबी लाइन होने की वजह से पास बनवाने में 3 घंटे लगे. पास बनने के बाद गेट से एंट्री हुई. उन्होंने बताया कि चार्जशीट की जानकारी नहीं है. अदालती कार्रवाई से भी अंजान हैं.
12 दिनों से अधिवक्ताओं की हड़ताल है जारी
परिवाद ने कहा कि अदालत में क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है. हमें दो सप्ताह का समय दे दिया जाता है. मैं सरकार से भी अपील करता हूं कि वकीलों की मांग को मान ले. हम जैसे पीड़ित फरीवादियों की सहायता हो सकेगी. नागौर से आई एक मां ने बताया कि बेटा जेल में है. घर पर बेटी की शादी है. बेटे को जेल से छुड़वाने के लिए जमानत अर्जी लगाई थी. आज अर्जी पर सुनवाई होनी. अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से मुकदमे की पैरवी नहीं हो पा रही है. मैं बेटे की पैरवी करने में असमर्थ हूं.
अदालत में सगे संबंधी पैरवी करने को मजबूर
अदालत ने सुनवाई के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. तारा रेखा ने बताया कि बड़ा भाई जेल में है. भाई को जमानत पर छुड़वाने के लिए मजदूरी कर रुपए इकट्ठे किए थे. मां की तबीयत भी ठीक नही है. आज जमानत के लिए कोर्ट में सुनवाई होनी थी. वकील ने अदालत में पैरवी करने से मना कर दिया है. मैं भाई की तरफ से जमानत के लिए अदालत में पेश हुई. अदालती कामकाज की जानकारी नहीं है. तीन सप्ताह बाद मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने तारीख दी है. हड़ताली अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि मांग नहीं माने जाने पर विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
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