Rajasthan News: वित्तीय वर्ष के लास्ट महीने मार्च में सरकार द्वारा बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया जाता है. डीग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली के बकाया बिल भुगतान को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत बिजली के बिल नहीं भरने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और अधिकारियों द्वारा गांव से ट्रांसफार्मर हटाए जा रहे है.


एईएन चंद्रप्रकाश मीणा एपीओ
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डीग जिले के नगर विधानसभा क्षेत्र के गांव आरसी के लोगों पर लगभग साढ़े तेरह लाख का बिजली बिल बकाया चल रहा है. गांव वालों द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं कराने पर एईएन द्वारा आरसी गांव के तीन ट्रांसफार्मर उतरवा दिए गए थे. जिसकी ग्रामीणों ने नगर विधायक और राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम से शिकायत कर दी.  राज्य मंत्री ने एईएन को ट्रांसफार्मर लगाने को कहा लेकिन एईएन ने ट्रांसफार्मर वापस नहीं लगाए. इसी बात को लेकर एईएन चंद्रप्रकाश मीणा को एपीओ कर दिया गया है.


मामले पर क्या बोले एईएन
बिजली विभाग के एईएन चंद्रप्रकाश मीणा ने बताया है कि उन्होंने 6 मार्च को ही डीग जिले में ज्वाइन किया है. बिजली के बकाया के लिए विद्युत विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. नगर सब डिवीजन पर लगभग 25 करोड़ बकाया चल रहा है. बिजली विभाग की टीमें 13 मार्च को नगर के गांव सुंदरावली, आरसी गांव में वसूली के लिए गई थी और वहां से ट्रांसफर उतार कर ले आई.


मंत्री पर हाथ पैर तुड़वाने की धमकी का लगाया आरोप 
बिजली विभाग के अधिकारी ने राज्य मंत्री पर हाथ-पैर तुड़वाने की धमकी देने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि ट्रांसफार्मर उतारने के बाद बिजली अधिकारियों को डीग पंचायत समिति सभागार में बुलाया गया. जहां मंत्री ने जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज की मौजूदगी में हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी. जब एक सहायक अभियंता चंद्र प्रकाश मीणा ने इसका विरोध किया तो उनका एपीओ करवा दिया गया.


अधिकारियों ने तबादला करने की लगाई गुहार 
बिजली अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को ज्ञापन देकर डीग जिले में नौकरी नहीं करने और तबादला करने की गुहार लगाईं है. नगर उपखंड के बिजली अधिकारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजा है कि नगर और सीकरी ब्लॉक में हम सभी बिजली अधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप और राजनेताओं की दबंगई के कारण राजस्व वसूली नहीं कर पा रहे हैं.


जान का बताया खतरा
बिजली अधिकारियों की तरफ से अपने ज्ञापन में लिखा गया है कि नगर उपखंड के सभी अधिकारी मंत्री की दबंगई और तानाशाही के माहौल में नौकरी करने में सक्षम नहीं है, उन्हें जान को खतरा बना हुआ है. उनका कहना है कि हमारे साथ भी धौलपुर के बाड़ी सहायक अभियंता और हर्षाधिपति वाल्मीकि जैसी घटना हो सकती है. इसलिए हमारा यहां से तबादला कराया जाए.


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