Rajasthan Politics: राजस्थान में कटारिया के बाद अब बड़े बदलाव की चर्चा, 60 के नीचे वालों को मिलेगी ताकत
बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है. जिसके बाद राजस्थान की राजनीति में कई चर्चाए शुरू हो गई है कि बीजेपी अब 60 साल से कम उम्र वाले नेताओं की ताकत बढ़ाने के मूड में है.
Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल बनाए जाने के बाद अब यहां पर एक नई चर्चा तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी यहां पर 60 साल की उम्र के नेताओं को आगे बढ़ाने के मूड में है. इसके लिए पूरी तैयारी पिछले 5 साल से हो रही है. केंद्र से लेकर राज्य तक पांच नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. अब उसी कड़ी में विधान सभा चुनाव को लेकर राज्य में भी चर्चा तेज हो गई है.
कोटा के सांसद ओम बिड़ला को जब लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया तब उनकी उम्र 56 साल थी. अभी राजस्थान से मोदी कैबिनेट में तीन मंत्री ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 से कम की है. अब जानते हैं क्या हो सकता है यहां पर नया समीकरण.
लोकसभा अध्यक्ष से हुई शुरुआत
कोटा से दो बार के लगातार BJP सांसद ओम बिड़ला को जब साल 2019 में लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया तब उनकी उम्र 56 साल के करीब थी. उसके बाद से लगातार बीजेपी ने कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई जिनकी उम्र 60 साल से कम थी. बिड़ला को मिली इस बड़ी जिम्मेदारी के बाद से राजस्थान बीजेपी में नई बहस भी छिड़ गई थी. ओम बिड़ला अभी 60 की उम्र में पहुंच गए हैं. इन्हे हाड़ौती संभाग में बड़ा मजबूत नेता माना जाता है.
गजेंद्र सिंह शेखावत को मिली बड़ी
जोधपुर से दो बार के लगातार बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. इनकी भी उम्र 55 साल है. शेखावत को जब मंत्री की कमान मिली थी तब उनकी उम्र मात्र 50 साल थी. इसके बाद से इन्हे केंद्रीय नेतृत्व का करीबी भी माना जाता है. पिछले दिनों गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. इन्हे उम्र के लिहाज से बड़ी जिम्मेदरी दी गई है.
रेलमंत्री लेकिन जिम्मेदारी मजबूत है
अश्वनी वैष्वण मोदी सरकार में रेलमंत्री है. कैबिनेट मंत्रियों में इन्हें मजबूत माना जा रहा है. इनकी भी उम्र मात्र 52 साल है. इनका जन्म जोधपुर में हुआ है. भले ही इन्हे ओडिशा से राज्यसभा भेजा गया हो लेकिन इनकी पकड़ राजस्थान में बन रही है. पिछले दिनों इनके कई दौरे राजस्थान में हुए है. इनके दौरों को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हे बीजेपी मजबूत कर रही है.
पहली बार के विधायक लेकिन बने 'पॉवर सेंटर'
जयपुर जिले की आमेर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने डॉ. सतीश पूनिया राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष हैं. पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता और बड़ी जिम्मेदारी बीजेपी ने दे दी. साथ ही इस समय राजस्थान में पूनियां 'पॉवर सेंटर' बने हुए दिख रहे हैं. इनकी खूब चर्चा हो रही है. इनकी अगुवाई में राजस्थान में अभी सारे काम हो रहे हैं. सतीश पूनियां की उम्र अभी 60 साल से कम है.
पहली बार सांसद और बने मंत्री
बीजेपी में कैलाश चौधरी चर्चा में है. बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद बने और मोदी कैबिनेट में मंत्री बना दिए गए. कैलाश चौधरी इसके पहले बाड़मेर जिले की बायतु विधानसभा सीट से विधायक रहे. इनकी उम्र 49 साल है. पश्चिमी राजस्थान बीजेपी इन्हे मजबूत नेता के रूप में देख रही है. इसके लिए संगठन और सरकार दोनों इन्हें मजबूत करने में लगी है.