Rajasthan Election: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक और बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है. प्रदेश के एमबीसी समाज पर सरकार की पूरी नजर है. पिछले कई महीनों से लगातार एमबीसी समाज की आवाज उठा रहे और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला का ये तोड़ निकालने का संकेत दिया गया है. कांग्रेस सभी जातियों पर फोकस कर रही है. कोई छूट न जाए इसके लिए पूरी निगरानी भी चल रही है. इस बोर्ड के माध्यम से सरकार कई क्षेत्रों में अपनी पकड़ मान रही है.राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य 'अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड' (Ahilyabai holkar board) का गठन कर दिया गया है.


यह बोर्ड गडरिया (गाडरी), गायरी, घोसी (गवाला), पूर्बिया (धनगर, गाडरी ) जाति वर्ग की स्थिति का जायजा लेकर, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा. बोर्ड द्वारा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, रोजगार को बढ़ावा देने, सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों के विरुद्ध ठोस उपाय करने और परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने सहित अन्य सुझाव राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जाएंगे.  प्रदेश की 10 विधान सभा सीटों पर गड़रियों का बड़ा प्रभाव है. 


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कुछ ऐसा होगा बोर्ड 


जानकारी के अनुसार इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे. साथ ही, उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव,आयुक्त, देशक, संयुक्त निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा.


'सबकी हिस्सेदारी बनी रहे'


राजस्थान वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ का कहना है कि ये लोकतंत्र को समावेशी बनाने का प्रयास है. सदियों से जो लोग हाशिये पर रहे हैं उनकी नुमाइंदगी है. क्योंकि , उनका कोई प्रवक्ता नहीं हटा. नहीं और बेजुबान रह जाते हैं. इससे समाज की व्यापकता रहेगी. वो मुख्यधारा से जुड़ेंगे. इससे पूरे समाज को फायदा मिलेगा.